ठेकेदार कंपनी से भोपाल स्तर से काम कराया जा रहा है। उसकी ऊपर से ही मानीटरिंग की जा रही है। नगर परिषद की कोई भूमिका नहीं है।
अशोक कैथल, सीएमओ सांईखेड़ा
महीनों से अधर में लटका करोड़ों का सीवरेज प्लांट, सडक़ पर बह रहा पानी, स्वच्छता के लिए की गई पहल पर हो रही अनदेखी
नरसिंहपुर•May 10, 2019 / 07:42 pm•
narendra shrivastava
Rigged in the work of 33 crores
गाडरवारा। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश अर्बन सर्विसेज इम्प्रूवमेन्ट परियोजना के तहत गांव, नगर, शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नगर के गंदे पानी सीवरेज पाइप लाइन द्वारा शहर से बाहर इक_ा कर पानी को उपयोगी बनाने की योजना है। लेकिन नगर परिषद सांईखेड़ा में इसका काम महीनों से अधर में लटका है। नगर के सभी 15 वार्डों में घरों का निस्तारी पानी सीवरेज प्लांट में पहुंचाने की योजना में नगर परिषद साईखेड़ा में बीते दिनों तत्कालीन पूर्व क्षेत्रीय विधायक गोविंद सिंह पटेल की अध्यक्षता और राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, सांसद राव उदयप्रताप सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष अभिलाष मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में 33 करोड़ 73 लाख रुपए लागत की सीवरेज योजना का शिलान्यास गत वर्ष गांधी जयंती पर किया गया था। लेकिन यह योजना अब तक अधर में लटकी हुई है। बताया जाता है संबंधित ठेकेदार द्वारा नगर के वार्डों में बार बार पाइप लाइन के सर्वे कर लिए हैं। लेकिन काम शुरू नहीं किया है।
बीते दिनों बम्हौरी के पास पाइप डालते देखा गया था। लेकिन नगर वासी गुणवत्ताहीनता के आरोप लगा रहे हैं। सीवरेज सिस्टम के अभाव में पूरे नगर में जहां तहां घरों का गंदा पानी सडक़ों पर बह रहा है। पंचायत के जमाने से बिना किसी योजना के मनमाने तरीके से नालियां बनी हैं तो कहीं नालियां ही नही हैं। तालाब किनारे के लोगों का गंदा निस्तारी पानी तालाब में समा रहा है। कई जगह पानी सडक़ों पर बहता है तथा यहां वहां भरा रहता है। यह सब कुछ व्यवस्थित सीवरेज सिस्टम न होने के कारण होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उक्त योजना को ठेके पर आरंभ कराया गया था। जिसमें लगे बोर्ड के अनुसार सूरत के विकास पटेल ठेकदार द्वारा इस काम को 5 अगस्त 2018 में शुरू कर 2 दिसंबर 2020 तक पूरा करना है। लेकिन वर्ष 2019 भी आधा बीतने के बावजूद काम में अभी तक खास प्रगति नहीं होने से जनता में आक्रोश है। वहीं सीवरेज प्लांट का कार्य न होने से नगर विकास के काम में अड़ंगा बना है। जनापेक्षा है जांच कर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो, यदि ठेकेदार की लापरवाही है तो पुन: निविदा जारी की जाए।
ठेकेदार कंपनी से भोपाल स्तर से काम कराया जा रहा है। उसकी ऊपर से ही मानीटरिंग की जा रही है। नगर परिषद की कोई भूमिका नहीं है।
अशोक कैथल, सीएमओ सांईखेड़ा
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