27 दिन में 12 हजार 396 मरीज पहुंचे जिला अस्पताल
कोरोना की दूसरी लहर के बाद अस्पतालों में जाने से मरीज डरने लगे थे और बहुत जरूरी होने पर ही अस्पताल जा रहे थे पर अब तीसरी लहर की आशंका के बीच लोग बेफिक्र होकर अस्पताल में अपने उपचार के लिए आने लगे हैं। हर माह मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अप्रेल तक अस्पतालों में कोरोना मरीजों को छोडकऱ अन्य मरीज नहीं आ रहे थे पर मई के बाद से सभी तरह की मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढऩे लगी। ओपीडी और आइपीडी में मरीजों की संख्या बढऩे लगी। मई में ओपीडी में 7598 और आइपीडी में 1838 मरीज पंजीकृत हुए थे जबकि अगस्त में ओपीडी में 12396 और आइपीडी में 2183 मरीज अपने उपचार के लिए आए।
बच्चा वार्ड में बढ़ी संख्या
बारिश के मौसम में सर्दी, खांसी से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं। नाजुक बच्चे जल्दी सर्दी बुखार व खांसी के संक्रमण का शिकार होते हैं। इस माह बड़ी संख्या में माता पिता अपने बच्चों को लेकर उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। एक अगस्त से 27अगस्त तक ओपीडी में 983 बच्चों के पंजीयन किए गए जबकि 288 बच्चों को भर्ती किया गया।
विशेषज्ञ की राय
सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन का कहना है कि यह समय सीजनल बीमारियों का है। इस सीजन में सर्दी बुखार, खांसी का प्रकोप होता है। इससे बचने के लिए जरूरी सावधानियां बरतें। साफ और शुद्ध पानी पिएं, बाहर और बाजार की खुली हुई चीजों का सेवन न करें। ताजा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें। बच्चों को बाजार के चाट पकौड़े और खुले में रखे खाद्य पदार्थ न खाने दें। मच्छरों से बचाव करें इसके लिए मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। सोक पिट बनाएं और जहां पानी भरा हो वहां ऑयल डाल दें या कीटनाशक, मच्छरनाशक रसायनों को डालें ताकि लार्वा नष्ट हो जाएं। पूरी बांह के कपड़े पहनें और सबसे जरूरी बात यह है कि स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर द्वारा लिखी गई जरूरी जांच अवश्य कराएं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कोविड प्रोटाकाल का पालन करें और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी उपायों पर हर हाल में अमल करें।