जिले में नरसिंहपुर मुख्यालय सहित करेली,गाडरवारा में करोड़ों की जलावर्धन योजनाओं पर काम चल रहा है। लेकिन दो से तीन साल होने के बाद भी लोगों को पानी नही मिल सका है। नरसिंहपुर में इस योजना का बाकायदा लोकापर्ण भी हो गया है लेकिन अभी भी पूरे शहर को इससे जलापूर्ति शुरू नही हो सकी है। इसी तरह करेली में इस योजना में अभी वाटर सप्लाई लाइन की टेस्टिंग का खेल ही चल रहा है। वहीं गाडरवारा में अंडरग्राउंड वाटर सप्लाई लाइन डालने के लिए सड़कों की खुदाई की जा रही है जो समूचे शहर के लिए परेशानी का कारण बनी हंै।
साईंखेड़ा में नगर परिषद का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके बाद भी आवारा पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं दे पाई, कांजी हाउस भी बंद पड़ा है। कांजी हाउस चालू न होने से रोड पर जानवर बैठे रहते हैं। जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसी प्रकार अभी तक तहसील कार्यालय पुराने भवन में ही संचालित हो रहा है। निर्माणाधीन तहसील के लिए 2 एकड़ जमीन एवं 3 करोड़ 75 लाख रुपए भी मंजूर हो चुके हैं।इसकी समय अवधि 1 वर्ष के लिए थी कछुए चाल की गति से काम चल रहा है। इधर शहर को गंदगी से मुक्त करने के लिए सीवरेज लाइन का काम चालू है। लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी काम आधा अधूरा पड़ा है। इसकी समय अवधि 12 दिसंबर 2020 है पर कछुए गति से चल रहा है। काम को देखते हुए लग रहा है कि अभी 2 साल से भी ज्यादा समय लग जाएगा। इसके अलावा साईंखेड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सौंदर्यीकरण एवं निर्माण के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे पर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
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वर्जन
जिले में जो भी काम अधूरे पड़े हैं और अभी तक अपनी समय सीमा में पूरे नहीं हो सके हैं उनके बारे में विभागीय अफसरों से जानकारी लेकर यथाशीघ्र पूरे कराए जाएंगे। लोगों को हो रही परेशानी को लेकर संबंधित ठेकेदार एवं विभाग के अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी।