कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी मिल प्रबंधन को कार्य योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। इसके अंतर्गत संबंधित क्षेत्रों में मिल प्रबंधन एसडीएम, एसडीओपी व तहसीलदार के साथ मिलकर लगातार कैंप का आयोजन करें तथा किसानों से प्रत्यक्ष सम्पर्क स्थापित करें। मिलों को प्रतिदिन की पिराई क्षमता के अनुसार ही एसएमएस के माध्यम से पर्ची जारी करने के निर्देश दिये गए ताकि क्षमता से अधिक वाहन मिलों में न पहुंचे। कलेक्टर ने मिल प्रबंधक को अस्थाई यार्ड बनाने हेतु सरकारी जमीन देने का भी प्रस्ताव दिया है, ताकि भीड़ को नियंत्रित कर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाया रखा जा सके।
कलेक्टर द्वारा सभी मिलों को वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शी व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया, जिससे कृषकों को निर्धारित समयावधि में भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। पुलिस अधीक्षक डॉ गुरकरन सिंह ने सभी मिलों को निर्देशित किया कि वह औद्योगिक सुरक्षा विभाग के मानकों के अनुरूप लायसेंस प्राप्त कर सुरक्षा एवं फायर सेफ्टी से बचाव के सभी उपायों को पूर्व से ही पूर्ण कराएं। इसके अलावा पैराई सत्र के दौरान मिल क्षेत्र में आने वाले श्रमिकों, गाडिय़ों एवं कार्यरत सभी कर्मचारियों का वैरिफीकेशन संबंधित थानों में प्रदान करेंगे।
नई प्रयोशगाला की होगी स्थापना
गन्ना रिकव्हरी सिस्टम को पारदर्शी बनाने हेतु गन्ना अनुसंधान बोहानी में नई प्रयोग शाला की स्थापना की जाएगी। दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बोहानी में किया जायेगा। जिसमें विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना कृषकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। दीवाली के पहले पुनरू समीक्षा बैठक किया जाएगा। बैठक में अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर, जिपं सीइओ केके भार्गव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।