खत्म होने को है सीजन
जिले में गन्ना का सीजन खत्म होने को है बमुश्किल 15 दिन बाद गन्ना की आवक और पिराई बंद हो जाएगी। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट है कि काफी कम रेट पर मिलों द्वारा गन्ना खरीदा जा रहा है और किसानों को उनके गन्ने का पूरा दाम नहीं मिल रहा। किसानों को इस बार भी शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।
बढ़े शकर के रेट
सुगर मिल मालिक किसानों को उचित दाम न देने के पीछे बाजार में शकर के दाम कम होने का रोना रोते आए हैं। इधर बाजार में शकर के रेट बढक़र ३४०० रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं और केंद्र सरकार ने न्यूनतम विक्रय मूल्य २०० रुपए बढ़ाकर ३१५० तय कर दिया है जो पहले २९५० था। इसके बावजूद शुगर मिल मालिक किसानों को सही रेट नहीं देना चाहते।
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इनका कहना है
गन्ना किसानों के मामले को भोपाल तक ले जाने वाले किसान संघर्ष समिति के सदस्य विनायक परिहार का कहना है कि जिस तरह से सख्ती दिखाने के बाद शासन ने चुप्पी साध ली है उससे तो यही लगता है कि यह सरकार भी पूर्ववर्ती सरकारों की तरह किसानों के साथ न्याय नहीं कर सकेगी।
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वर्जन
गन्ना किसानों को २९४ रुपए २० पैसे प्रति क्विंटल की दर से भुगतान दिलाने के लिए शासन प्रतिबद्ध है। इस संबंध में कार्रवाई चल रही है। शीघ्र ही निर्णय हो जाएगा। किसानों द्वारा मिलों को बेचे गए गन्ना का इसी रेट से पूरा भुगतान कराया जाएगा।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर