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नरसिंहपुर

मरीजों के लिए खरीदी लाखों की महंगी दवाएं अस्पताल से हो गईं गायब!

नरसिंहपुर. गंभीर बीमारियों में मरीजों के इलाज के लिए बाजार से खरीदी जाने वाली पिं्रट रेट वाली दवाएं जिला अस्पताल के औषधी भंडार गृह से गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गायब हुई दवाओं की कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। मामले की जानकारी सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. अनीता अग्रवाल ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। मामले का खुलासा औषधी भंडार गृह के अस्सिटेंड स्टोरकीपर ने शिकायत कर किया है। आरोप स्टोर प्रभारी अमित तिवारी पर लगाया गया है।

नरसिंहपुरJan 20, 2019 / 08:21 pm

ajay khare

The fear of drug scam in the medicinal stores of the district hospital, a committee created by CMHO for investigation

The fear of drug scam in the medicinal stores of the district hospital, a committee created by CMHO for investigation

नरसिंहपुर. गंभीर बीमारियों में मरीजों के इलाज के लिए बाजार से खरीदी जाने वाली पिं्रट रेट वाली दवाएं जिला अस्पताल के औषधी भंडार गृह से गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गायब हुई दवाओं की कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। मामले की जानकारी सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. अनीता अग्रवाल ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। मामले का खुलासा औषधी भंडार गृह के अस्सिटेंड स्टोरकीपर ने शिकायत कर किया है। आरोप स्टोर प्रभारी अमित तिवारी पर लगाया गया है।
सीएमएचओ तक पहुंची शिकायत में अस्सिटेंड स्टोरकीपर नीलेश कुमार वर्मा ने बताया कि १२ जनवरी को औषधी भंडार गृह में सभी अंकित मूल्य (महंगी दवाएं) एक किनारे पर पीछे की तरफ रखी गई थीं। एकसाथ दवाएं रखी होने पर मुझे शक हुआ तो मैने उनकी फोटो खींच ली। अगले दिन रविवार और सोमवार को लोकल अवकाश होने पर भी स्टोर प्रभारी अमित घर नहीं जा रहे थे। मैने पूछा तो उन्होंने बताया दिया कि सिविल सर्जन का कोई काम है उसे पूरा करना है। इसके बाद रविवार और सोमवार को भी औषधी भंडार गृह खोला गया। मंगलवार को जब मैं औषधी गृह पहुंचा तो बहुत से दवाओं के कार्टून गायब थे। मैने दवाएं गिनवाईं तो कम निकली। शिकायतकर्ता नीलेश ने बताया कि दवाओं की निकासी की रजिस्टर में भी कोई एंट्री नहीं की गई थी। इसके बाद नीलेश ने सीएस सहित सीमएचओ को मामले की शिकायत की और कई कार्टून दवाएं गायब होना बताया और जांच की मांग की।
सीएस सहित स्टोरकीपर जांच के घेरे में
लाखों की महंगी दवाएं गायब हो जाने का मामला सामने आने के बाद अब सिविल सर्जन डॉ. वीके मिश्रा व स्टोर प्रभारी अमित तिवारी जांच के घेरे में आ गए हैं। इन दवाओं की खरीदी व संधारण के लिए जिम्मेदार सीधे सीएस होते हैं।
महंगी दवाओं की खरीदी में प्रदेश में अव्वल जिला
हैरानी की बात तो यह है कि मरीजों की आवश्यकतानुसार बाजार से खरीदी जाने वाली महंगी दवाओं की खरीदी में नरसिंहपुर जिला प्रदेश में अव्वल है। दवाओं के गायब होने के बाद अब यह आशंका बढ़ गई है कि कहीं स्टोररूम से ही तो दवाओं की खुलेबाजार में बिक्री नहीं की जा रही। आशंका है कि कर्मचारी इन दवाओं को बाजार में बेचकर लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं।
१६ को शिकायत अबतक नहीं शुरू हुई जांच
दवाओं के गायब होने की शिकायत १६ जनवरी को सिविल सर्जन से की गई थी। इसके बाद भी औषधी भंडार गृह को सील नहीं किया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कलेक्टर व एसपी से शिकायत कर मामले की जांच की मांग की। हैरानी की बात तो यह है कि औषधी भंडार गृह से अबतक खुलेआम दवाओं की निकासी हो रही है, लेकिन अफसरों ने स्टॉक रजिस्टर व भंडारण की जांच शुरू नहीं की।
इनका कहना
जिला अस्पताल के औषधी भंडार गृह से महंगी दवाओं के गायब होने की जानकारी मिली है। कर्मचारी की शिकायत पर मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है। समिति स्टॉक की जांच कर जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। कल इस संबंध में कलेक्टर से चर्चा की जाएगी।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सीएमएचओ

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