बारिश में भीगती रही हजारों बोरियां, गीली हुई महज 30
नरसिंहपुर। शासन किसानों को बेहतर व्यवस्थाएं देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन बीच में अधिकारी इसमें पलीता लगा रहे हैं। बीते सप्ताह के दौरान यहां पर रैक के माध्यम से हजारों बोरी डीएपी उर्वरक आया। रेलवे प्लेटफार्म पर छाया नहीं होने की वजह से हजारों बोरियां पानी में भीगती रहीं, लेकिन डीएमओ कार्यालय के सूत्र महज 30-40 बोरियां गीली होना बता रहे है।
DAP rack case, cooperative societies and farmers will get hassle
नरसिंहपुर। शासन किसानों को बेहतर व्यवस्थाएं देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन बीच में अधिकारी इसमें पलीता लगा रहे हैं। बीते सप्ताह के दौरान यहां पर रैक के माध्यम से हजारों बोरी डीएपी उर्वरक आया। रेलवे प्लेटफार्म पर छाया नहीं होने की वजह से हजारों बोरियां पानी में भीगती रहीं, लेकिन डीएमओ कार्यालय के सूत्र महज 30-40 बोरियां गीली होना बता रहे है। हजारों गीली बोरियां परिवहन कर गोदामों में पहुंचाई गई है, जिससे आगामी समय में किसानों की परेशनी का सबब बनेंगी।
उल्लेखनीय है कि किसानों की मांग के अनुसार डीएमओ कार्यालय द्वारा आगामी रबी सीजन की तैयारी के लिए डीएपी की खेप मंगाई गई है। 1300 रूपए मूल्य की 50 किलो की बोरियां झमाझम बारिश में भीगती रहीं। सूत्रों का दावा है कि डीएपी गीला होने से बोरियों में जम जाएगा और खेत में डालना मुश्किल होने के साथ इसके तत्व भी घट जाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार डीएमओ कार्यालय उर्वरक प्रदाता कंपनी व ट्रांसपोर्टर के नुकसान को बचाने के लिए यह कदम उठा रही है और गीला उर्वरक स्टॉक किया जा रहा है। डीएमओ कार्यालय से जब जानकारी ली गई तो बताया गया कि लगभग 7 हजार मीट्रिक टन डीएपी की खेप आई है। जब पूरे प्लेटफार्म पर माल उतरवाकर रखा गया और बारिश आ गई। इस दौरान महज त्रिपाल ऊपर डाली गई इसके बावजूद बड़ी संख्या में बोरिया गीली हो गई। डीएमओ कार्यालय के सूत्र इसे कंपनी एकाउंट का होना बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। वहीं यह भी कहना है कि इस रैक का डीएपी अन्य जिलों में जा रहा है।
सूत्रों का दावा है कि कंपनी एकाउंट से ही डीएमओ कार्यालय बाद में इसी गीले डीएपी का वितरण समितियों के माध्यम से करेगा। जब रबी का सीजन पीक पर रहता है उस दौरान डीएपी प्राप्त करने के लिए किसान परेशान रहते हैं और यह डीएपी आगामी फसल में किसानों की उपज को प्रभावित करेगा।
इनका कहना है
रैक का डीएपी गीला होने की जानकारी मुझे मिली है। किसानों का नुकसान कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में उच्च स्तर पर पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही सहकारी समितियों को भी पत्र जारी किया जा रहा है कि वे कदापि गीले डीएपी की बोरियां न प्राप्त करें, क्योंकि रबी सीजन के दौरान यदि गुठला वाला डीएपी मिलेगा तो खेत में डालने पर इसके परिणाम बेहतर नहीं मिलेंगे और किसानों का नुकसान होगा।
वीरेन्द्र फौजदार अध्यक्ष
जिला सहकारी बैंक नरसिंहपुर