स्थानीय महाराणा प्रताप शासकीय पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन बीते दिनों कॉलेज आडिटोरियम में किया गया। मप्र विज्ञान एवं तकनीकी परिषद, भोपाल द्वारा प्रायोजित इस शोध संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा प्रो केएल जैन जबलपुर संभाग एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ एमके साहू प्रभारी प्राचार्य तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विषय विशेषज्ञ द्वय प्रो सुबोध जैन डॉ हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर एवं डॉ डीएल कौरव सेवानिवृत्त प्राध्यापक जवाहर नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर नेसरस्वती पूजन अर्चन व दीप प्रज्जवलन से किया।
नरसिंहपुर•Mar 23, 2019 / 06:03 pm•
ajay khare
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गाडरवारा। स्थानीय महाराणा प्रताप शासकीय पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन बीते दिनों कॉलेज आडिटोरियम में किया गया। मप्र विज्ञान एवं तकनीकी परिषद, भोपाल द्वारा प्रायोजित इस शोध संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा प्रो केएल जैन जबलपुर संभाग एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ एमके साहू प्रभारी प्राचार्य तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विषय विशेषज्ञ द्वय प्रो सुबोध जैन डॉ हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर एवं डॉ डीएल कौरव सेवानिवृत्त प्राध्यापक जवाहर नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर नेसरस्वती पूजन अर्चन व दीप प्रज्जवलन से किया। अतिथि स्वागतोपरांत संगोष्ठी संयोजक डॉ आरके कौरव ने दो दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। तत्पश्चात संगोष्ठी स्मारिका विमोचन अतिथियों ने किया। उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो केएल जैन ने कहा कि प्रत्येक छात्र और शिक्षक को अपने विषय एवं कर्तव्य के प्रति पूर्णत: समर्पित रहना चाहिए और अपना सर्वांग देना चाहिए। प्रो सुबोध जैन ने कहा कि प्रत्येक स्थान के स्थानीय उत्पादों का बेहतर और वैज्ञानिक तरीकों से उपयोग किया जाना चाहिए। डॉ डीएल कौरव ने कृषि उत्पादों की उपज बढ़ाने के वैज्ञानिक तरीकों व स्थानीय उत्पादों के समुचित उपयोग एवं नवीन कृषि तकनीक पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ एमके साहू ने विद्यार्थियों को शोध एवं शोध संगोष्ठियों के महत्व से परिचित कराया और उन्हें शोध करने की दिशा में प्रेरित किया। प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ सिद्धार्थ मिश्रा सागर ने आर्थिक विकास एवं स्वास्थ्य और पर्यावर्णीय खतरे विषय पर अपने प्रस्तुकरण में पृथ्वी को हरा भरा रखने और पर्यावरणीय सरंक्षण करने की बात कही। डॉ राकेश मेहता होशंगाबाद ने प्लास्टिक को स्वास्थ्य एवं विकास के लिए हानिकारक बताते हुये जैव प्लास्टिक को सामाजिक एवं आर्थिक विकास का रास्ता बताया। द्वितीय तकनीकी सत्र में कला एवं वाणिज्य से संबंधित शोध पत्रों का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें एआज अहमद शोधार्थी भोपाल ने अपने शोध के माध्यम से बताया, मानसिक विकलांग बच्चे विशिष्ट शिक्षा एवं मनोवैज्ञानिक उपचार से आगे चल कर देश के विकास में अहम् हिस्सा बन सकते हैं। मुस्ताक अहमद बट शोधार्थी बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल ने कहा जम्मू एवं कश्मीर की बेरोजगारी को मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक शिक्षा देकर रोजगार से जोड़ा जा सकता है। शशिलता नीखरा ने भाषा संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस मौके पर गाडरवारा के डॉ अजय जायसवाल ने मुद्राओं से सम्बंधित अपना अनूठा संग्रह प्रदर्शित किया। तृतीय तकनीकी सत्र में नीलेश शर्मा ने बैंकिंग के क्षेत्र में विज्ञान एवं तकनीक को सामाजिक एवं आर्थिक विकास का माध्यम बताया। डीपी तिवारी भोपाल ने जैव विविधिताओं के महत्व को बताते हुए टिकाऊ विकास का माध्यम सिर्फ जैव विविधिता को बताया। सपना सीठा अहमदाबाद गुजरात, ने बताया, डॉईआइसोबुटाइल पथलेट एवं डॉई आइसोनाईल पथलेट के जिओटोक्सिक प्रभाव को क्षारीय नैदानिक परीक्षण कर दूर किया जा सकता है। यह परिणाम इन्होंने चूहे पर प्रयोग करने के उपरांत प्राप्त किये। डॉ सिद्धार्थ सिंह टीकमगढ़ ने औषधीय पौधों के भेषज गुणों को बताए। शिल्पा कौरव शोधार्थी जबलपुर ने औषधीय पौधा एलोवेरा जो एस्पर्जिलस नमक कवक से रोगी होने से वृद्धि रुकने का उपचार फुजेरियम कवक से किया जाना संभव बताया। मनका दुबे शोधार्थी जबलपुर, रजनी चौधरी शोधार्थी जबलपुर, डॉ कपिल सोनी ने भी जानकारियां दीं। चतुर्थ एवं अंतिम तकनीकी सत्र में शरद त्रिवेदी उपाध्याय मानव विज्ञानी होशंगाबाद ने मानव के विकास को सामाजिक एवं आर्थिक विकास से जोड़ा, प्रो रवि उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान में मानव विकास के लिए जिस तकनीक का प्रयोग कर रहा है। उसका वर्णन हजारों वर्ष पहले वेदों में किया गया है। सत्र के अंत में डॉ मनोज सिन्हा, भोपाल ने संस्थागत और संरचनात्मक विकास से आर्थिक विकास की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक बताया। समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि समाजसेवी मुकेश जैन ने राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के आयोजन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों से अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करने का आव्हान किया। संगोष्ठी का व्यख्यान सारांश डॉ अभिषेक तिवारी ने प्रस्तुत किया। इसी सत्र में कॉलेज में कार्यरत हरिओम सोनी को शिक्षकीय एवं सहायक कार्य हेतु, गिरीश गुप्ता एवं सुखराम मेहरा को प्राचार्य कार्यालय में उत्कृष्ट कार्य हेतु एवं जाफर अली को सर्वश्रेष्ठ सेवा का उत्कृष्ट अवार्ड प्रदान किया गया। पोस्टर सत्र में कृष्णकान्त साहू एवं अजीत लोधी को संयुक्त रूप से प्रथम पुरुस्कार प्रदान किया गया। अंत में डॉ बीपी सिंह सचिव राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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