खाली पड़े हैं गोदाम, ट्रांसपोर्टरों को फायदा पहुंचाने करा रहे थे गेहूं का परिवहन
समर्थन मूल्य पर गेहूं और अन्य फसलों की खरीदी के बाद उसके परिवहन में किस तरह से ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से हर साल लंबा खेल खेला जाता है इसका खुलासा हुआ वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक के एक पत्र से जो उन्होंने कलेक्टर को लिखा। जिसके बाद कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए डीएमओ और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है।
नरसिंहपुर. समर्थन मूल्य पर गेहूं और अन्य फसलों की खरीदी के बाद उसके परिवहन में किस तरह से ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से हर साल लंबा खेल खेला जाता है इसका खुलासा हुआ वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक के एक पत्र से जो उन्होंने कलेक्टर को लिखा। जिसके बाद कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए डीएमओ और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है। यह खेल खेला जा रहा था गोटेगांव में जहां गोदाम खाली होने के बावजूद यहां से गेहूं करेली और नरसिंहपुर के गोदामोंं में भेजने की तैयारी की जा रही थी पर बारिश में गेहूं भीगने की वजह से वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक ने कलेक्टर को पत्र लिख कर सारी तस्वीर सामने रख दी। गौरतलब है कि हर साल टांसपोर्टरों को लाखों रुपए का भुगतान किया जाता है।
सरकारी मूल्य पर खरीदी जा रही उपज के भंडारण में ट्रांसपोर्टर को फायदा पहुंचाने जिला विपणन व नागरिक आपूर्ति निगम की करतूत का भंडाफोड़ मप्र वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन की ओर से कलेक्टर को लिखे पत्र में हुआ है। पत्र में बताया गया कि दोनों विभाग के अधिकारी गोटेगांव में गोदाम खाली होने के बावजूद नरसिंहपुर और करेली के गोदामों में उपज भेजने का दबाव डाल रहे हैं ताकि परिवहन की वजह से ट्रांसपोर्टरों को इसका फायदा मिल सके। पत्र में बताया गया कि इससे सरकारी धन का अपव्यय होगा और ट्रांसपोर्टरों को इसका फायदा मिलेगा। पत्र मिलते ही कलेक्टर वेदप्रकाश ने इस पर तत्काल कार्रवाई की और डीएमओ और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोटेगांव का गेहूं वहीं के स्थानीय गोदामों में भंडारित किया जाए।
वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक ने सोमवार को कलेक्टर को एक शिकायत भेजी थी। जिसमें बताया गया था कि कार्पोरेशन के विभिन्न गोदाम खाली पड़े हैं और रिक्तता के आधार पर उपार्जित गेहूं का भंडारण किया जा रहा है। गोटेगांव शाखा के अंतर्गत भी स्थानीय स्तर पर बहुत से गोदाम रिक्त हंै । इसके बाद भी जिला विपणन अधिकारी द्वारा यहां के खरीदी केंद्रों पर गेहूं को डंप किया गया है। वे इस गेहूं को स्थानीय गोदामों में भेजने की बजाय ट्रांसपोर्टर को लाभ पहुंचाने के लिए 35 से 50 किमी दूर नरसिंहपुर और करेली के गोदामों की मैपिंग कराकर बार बार यहां गेहूं स्कंध को पहुंचाने के लिए लगातार दवाब बना रहे हैं। पत्र में कार्पोरेशन प्रबंधन ने बताया कि गोटेगांव के खरीदी केंद्रों, समितियों में डंप स्कंध के परिवहन के लिए हम्मालों की कमी के कारण केवल 18 से 20 ट्रक गोदामों में अनलोड हो पाते हैं। जिससे गोटेगांव सेक्टर के गोदामों में जानबूझकर भंडारण नहीं किया जा रहा है। जिले के कुछ खास ट्रांसपोर्टर को लाभ पहुंचाने के लिए रैक के माध्यम से परिवहन करने की कोशिश हो रही है। परिवहनकर्ता को भुगतान करने के लिए भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों को स्कंध चयन के लिए भेजा जा रहा है। ऐसी स्थिति में शाखा के गोदामों में उपलब्ध रिक्त क्षमता के अनुरूप भंडारण नहीं होने से गोदाम रिक्त रह जाएंगे। इससे शासन का भी अनावश्यक व्यय होगा। इस बारे में जब जिला विपणन अधिकारी रामकुमार तिवारी बात की गई तो वे अपना आपा खो बैठे और फोन काट दिया।
जिला मुख्यालय के एक ट्रांसपोर्टर का नाम आया
जानकारी के अनुसार परिवहन के इस खेल में जिला मुख्यालय के एक बड़े ट्रांसपोर्टर का नाम आया है जो कांगे्रस का पदाधिकारी भी है। जिला विपणन व नागरिक आपूर्ति निगम की मिलीभगत से यह ट्रांसपोर्टर पिछले कई सालों से अपने फायदे के लिए परिवहन कराता रहा है। पिछली कांगे्रस सरकार में इसने परिवहन के माध्यम से ८० लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान प्राप्त किया। वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पिछले साल गोटेगांव व अन्य जगहों पर स्थानीय गोदाम खाली होने के बावजूद इस ट्रांसपोर्टर को लाभ पहुंचाने के लिए जिला विपणन व नागरिक आपूर्ति निगम की मिलीभगत से इसे ट्रांसपोर्ट का काम दिया गया था।
वर्जन
मप्र वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन की ओर से गोटेगांव के गोदामों में गेहूं का भंडारण नहीं किए जाने की शिकायत मिली थी। मैंने डीएमओ और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है। गोटेगांव का गेहूं स्थानीय गोदामों में भंडारित किया जा रहा है।
वेदप्रकाश, कलेक्टर