आलम यह है कि किसानों के खेतो में मसूर की फसल कटकर रखी हुई है वह धूप खिलने का इंतजार कर रहे है ताकि फसल को सुखाकर गहाई के लिए सुरक्षित रखा जा सके। बेमौसम हुई बारिश-ओलावृष्टि के बाद अभी भी बारिश के आसार बने रहने से कुछ दिनों के लिए मसूर की कटाई का कार्य पिछड़ गया है। किसानों को डर है कि जो फसल खेतों में कटकर रखी हुई है वह यदि ज्यादा दिन तक एक सी स्थिति में पड़ी रही तो वह भी खराब हो जाएगी। लेकिन किसान के पास मौसम साफ होने और धूप खिलने के इंतजार के शिवाय कोई विकल्प भी नहीं है कि वो फसल को सुखा सकें, शेष फसल की कटाई कर उपज को सुरक्षित रख सकें।
बता दें कि मंगलवार की रात जिले में कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई जिससे किसान भयभीत रहे कि कहीं फिर तेज बारिश के साथ ओले गिरने की स्थिति न बन जाए। बुधवार की सुबह से भी कोहरे की धुंध जैसी स्थिति रही और धूप नहीं खिल सकी जिससे किसान मायूस रहे।
उधर खेतों में लगी गुड़ भट्टियों पर गुड़ बनाने का काम हो या गन्ने की कटाई का काम। सभी बिगड़े मौसम के चलते प्रभावित है। खेतिहर कार्यो के लिए बाहर से जो मजदूरों की टोलियां आईं हैं वह भी मौसम के हाल देखकर घर वापसी की तैयारियां करने लगी हैं। वहीं नर्मदा के तटीय क्षेत्रो में किसानों को डर बना है कि फसलों में पाला की स्थिति न बन जाए। सब्जी उत्पादक किसानों का कहना है कि मौसम के कारण पहले ही काफी नुकसान हो गया है और अब कोहरा, बारिश से सब्जियों का फूल-फल प्रभावित हो जाएगा।