इस मामले में अबू सलेम पर गुजरात से मुंबर्इ हथियार ले जाने का आरोप है। सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी संजय दत्त को एके-56 राइफलें, 250 कारतूस आैर कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर सौंपे थे। बाद में सलेम आैर दो अन्य लोग दो दिन बाद ये हथियार वापस लेकर आए थे। इसके साथ ही सलेम पपर भारत में कर्इ मामले दर्ज है।
इसके साथ ही मुस्तफा डोसा पर मुंबर्इ में हथियार पहुंचाने आैर लोगों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने का आरोप है। ताहिर मर्चेंट पर लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने आैर अब्दुल कयूम पर संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने का आरोप है। वहीं रियाज पर गोलाबारूद लाने के लिए सलेम को अपनी कार देने का आरोप है।अब्दुल रशीद खान पर दुबर्इ की मीटिंग में शामिल होकर हथियार आैर गोलाबारूद लाने में मदद करने का आरोप है। वहीं करीमुल्ला पर पाकिस्तान में अपने दोस्त को ट्रेनिंग दिलवाने आैर हथियार लाने में मदद का आरोप है।
हम आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 को दोपहर करीब डेढ बजे शुरू हुआ धमाकों का सिलसिला दोपहर 3.40 तक चला। 12 धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गर्इ थी। साथ ही 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इन धमाकों में 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। बाद में जांच एजेंसी ने 129 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
साल 2007 में पूरी हुर्इ सुनवार्इ के पहले चरण में अदालत ने याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था। साथ ही अदालत ने 23 लोगों को बरी कर दिया था। इस मामले में याकूब मेमन को मुंबर्इ की यरवडा जेल में 30 मर्इ 2015 को फांसी दी गर्इ थी।