जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में घायल हुए 23 वर्षीय कैप्टन पवन कुमार रविवार को शहीद हो गए। शहीद अपने मां बाप की इकलौती संतान थे। पवन कुमार के शव को जाट आरक्षण के चलते उत्पन्न हुए व्यावधान के कारण वायुसेना के विशेष विमान से जींद लाया जा रहा है। प्रदेशभर में जाट आरक्षण की वजह से नेशनल हाइवे व स्टेट हाइवे बंद पड़े हैं।
मां-बाप की इकलौती संतान थे पवन
पवन का परिवार जींद के अर्बन स्टेट में रहता है। पवन के परिवार में मां-बाप और बुजुर्ग दादा हैं। उनके पिता राजबीर जींद के बुडाखेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं, जबकि मां कमलेश जींद के खोकरी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं।
पवन के पिता ने बेटे की शहादत पर कहा,’मैंने देश के लिए अपना इकलौता बेटा न्योछावर कर दिया। वह आर्मी के लिए ही बना था। वह आर्मी डे के दिन पैदा भी हुआ था। उसकी किस्मत में शुरू से आर्मी ही थी।
आतंकियों के खिलाफ अभियान को लीड कर रहे थे पवन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर इलाके में शनिवार शाम को आतंकी हमला हुआ। आर्मी प्रवक्ता के मुताबिक आतंकियों ने पहले श्रीनगर की तरफ जा रही सीआरपीएफ की बस पर फायरिंग की। इसके बाद आतंकी पास की एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग में घुस गए और फायरिंग शुरू कर दी।
10 पैरा रेजिमेंट के कैप्टन पवन कुमार वहां आतंकियों के खिलाफ अभियान को लीड कर रहे थे। इसी दौरान कैप्टन पवन को आतंकियों की गोली लगी और रविवार को इलाज के दौरान वे शहीद हो गए। बिल्डिंग में करीब 150 लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। कैप्टन के अलावा एनकाउंटर में दो और जवान कॉन्स्टेबल आर.के रैना और हेड कॉन्स्टेबल भोले सिंह भी शहीद हुए हो गए।
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