रिपोर्ट में गौतम अडानी को क्लीन चिट
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की है। यह रिपोर्ट 173 पन्नों की है। जो अब सामने आ गया है। इस रिपोर्ट ने अंबानी-हिडनबर्ग मामले में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को कमोवेश क्लीन चिट दे दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सेबी की तरफ से अब तक की गई जांच में अडाणी ग्रुप की कोई कमी नहीं पाई गई है।
शॉर्ट शेलिंग से मुनाफा कमाने की बात
अडानी को क्लीन चिट देने के साथ-साथ इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग की शॉर्ट शेलिंग पर भी बात की गई है। बताया गया कि जनवरी के अंत में प्रकाशित रिपोर्ट से पहले कुछ संस्थाओं ने शॉर्ट पोजिशन ली और अडाणी के शेयर गिरने से मुनाफा कमाया। मालूम हो कि अंबानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर पड़े असर की समीक्षा के लिए कहा था।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर नहीं पड़ा विशेष असर
इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर विशेष असर नहीं पड़ा। शुरू में अडानी के शेयर पर असर पड़ा, पर बाद में सुधार आ गया। कमेटी ने यह भी कहा कि अडानी ग्रुप ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए तुरंत कई कदम उठाए, जिनका असर पड़ा। कमेटी ने यह भी बताया है कि सेबी की की जांच अभी जारी है। अभी तक की जांच में सेबी को अडानी ग्रुप के खिलाफ केस बनता नज़र नहीं आ रहा है।
जांच में अडानी की कोई कमी नहीं
जस्टिस अभय मनोहर सप्रे कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि अब तक की जांच से अडानी की कोई कमी सामने नहीं आई है। सेबी को अपने आंतरिक सिस्टम से अदानी पर 4 रिपोर्ट मिली। इनमें 2 हिंडनबर्ग से पहले और 2 बाद की थीं। इन चारों रिपोर्ट की जांच में सेबी ने कोई गड़बड़ी नहीं पाई। ग्रुप की तरफ से कोई भी जानकारी छुपाई नहीं गई थी। शेयर की कीमतों को बढ़ाने के लिए कृत्रिम ट्रेडिंग या किसी और गलत तरीके का सहारा लिया था।
अडानी के मामले पर संसद में भी खूब हंगामा हुआ था। कई दिनों तक सदन नहीं चली थी।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में ये लोग थे शामिल
मालूम हो कि अडानी मामले में विपक्षी दलों द्वारा विरोध-प्रदर्शन के बाद 2 मार्च को शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, इसमें ओ.पी. भट्ट, न्यायमूर्ति जेपी देवधर (सेवानिवृत्त), के.वी. कामथ, नंदन नीलेकणि, और अधिवक्ता सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं। इन सभी लोगों ने अपनी रिपोर्ट में अडानी को कमोवेश क्वलीन चिट दे दी है।
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