पत्रकारों से बातचीत के दौरान ठाकरे ने कहा कि अगर हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो भागवत हमारी पहली पसंद हैं। लेकिन अगर किसी को उन पर आपत्ति है, तो स्वामीनाथन को राष्ट्रपति बना देना चाहिए। साथ ही कहा कि पार्टी की इच्छा एक सर्वसम्मत उम्मीदवार की है, जिसे बिना चुनाव के निर्वाचित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हम कृषि प्रधान देश के रूप में जाने जाते हैं और इसलिए यह उपयुक्त है कि हमारे पास स्वामीनाथन जैसे व्यक्ति हों। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग की थी कि अगर भाजपा भागवत के नाम पर राजी नहीं है, तो राष्ट्रपति पद के लिए स्वामीनाथन के नाम पर विचार करना चाहिए।
वहीं शिवसेना का यह बयान अमित शाह-उद्धव ठाकरे के बीच बैठक से मात्र 48 घंटे पहले आया है, जो शनिवार को होनी है। राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर समर्थन को लेकर यह बैठक होनी है।
गौरतलब है कि स्वामीनाथन को साल 1967 में पद्मश्री, और साल 1972 में पद्म भूषण के अलावा साल 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1960 की हरित क्रांति का जनक माना जाता है, जिसने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश को खाद्य पदार्थों के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया।
फिलहाल वह चेन्नई के एम.एस.स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के एमेरिटस चेयरमैन हैं, जिसकी स्थापना साल 1987 में हुई थी।