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6 दिसंबर को हुआ बाबरी मस्जिद का विध्वंस अन्याय का प्रतीक : असदुद्दीन ओवैसी

Babri Masjid demolition अयोध्या में आज 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी। आज साल गुजर चुके हैं। हैदराबाद में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने 6 दिसंबर को याद करते कहाकि, 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद की अपवित्रता और विध्वंस, अन्याय का प्रतीक है। इस पर दूसरे अन्य मुस्लिम नेताओं ने भी अपने विचार दिए हैं।

Dec 06, 2022 / 02:51 pm

Sanjay Kumar Srivastava

बाबरी मस्जिद की अपवित्रता और विध्वंस अन्याय का प्रतीक है 6 दिसंबर : असदुद्दीन ओवैसी

आज 6 दिसंबर है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 30वीं बरसी। इस अवसर पर एआईएमआईएम सुप्रीमो व हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहाकि, 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद की अपवित्रता और विध्वंस, अन्याय का प्रतीक है। उन्होंने कहाकि, 6 दिसंबर भारतीय लोकतंत्र के लिए हमेशा काला दिन रहेगा। इसके विनाश के लिए जिम्मेदार लोगों को कभी दोषी नहीं ठहराया गया। हम इसे नहीं भूलेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आने वाली पीढ़ियां भी इसे याद रखें। इसके अतिरिक्त कई और मुस्लिम नेताओं ने 6 दिसंबर पर अपने विचार रखे।
हम इसे नहीं भूल सकते – आसमा जहरा तैयबा

महिला कार्यकर्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य डॉ आसमा जहरा तैयबा ने भी कहा कि, बाबरी मस्जिद का विध्वंस हमेशा याद रखा जाएगा। आसमा जहरा तैयबा ने अपने ट्वीट में लिखा कि, हम इसे नहीं भूल सकते और हम इस दिन को याद रखेंगे। ‘योम ए शहादत।’ मस्जिद मुस्लिम समुदाय का केंद्र मरकज है। बाबरी मस्जिद का पतन और पिछले 30 वर्षों में मुसलमानों की स्थिति को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है।
हैदराबाद शांत रहा, पुलिस मुस्तैद रही

हैदराबाद में बाबरी विध्वंस की बरसी शांतिपूर्ण रही। बाबरी विध्वंस की बरसी को लेकर पुलिस रविवार से ही अलर्ट थी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) या किसी अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठन ने बंद या ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान नहीं किया। हालांकि, कुछ छोटे धार्मिक संगठनों जरूर ऐसी कोशिश की पर वे अधिक सफल नहीं हो पाए।
उसी स्थान पर होगा बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण

बरसी से एक दिन पहले शहर के सईदाबाद इलाके में महिलाओं के एक समूह ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया। उन्होंने 6 दिसंबर को भारत के इतिहास का काला दिन बताते हुए बाबरी मस्जिद के जीर्णोद्धार की दुआ मांगी। महिलाओं ने कहा कि, मस्जिद हमेशा के लिए मस्जिद ही रहती है। एक दिन स्थिति बदलेगी और उसी स्थान पर बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
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