script‘पुरूषवादी सोच को बढ़ावा देती है 12th की ये कहानी’, बाल आयोग ने NCERT को लिखा पत्र | Axe chapter that ‘normalises violent masculinity’: Delhi Commission for Protection of Child Rights to NCERT | Patrika News
राष्ट्रीय

‘पुरूषवादी सोच को बढ़ावा देती है 12th की ये कहानी’, बाल आयोग ने NCERT को लिखा पत्र

दिल्ली बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने क्लास 12 की एक कहानी पर पुरूषवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जिसको लेकर उन्होंने NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के निदेशक को पत्र लिखकर हटाने की मांग की है।

नई दिल्लीNov 24, 2022 / 07:35 pm

Abhishek Kumar Tripathi

axe-chapter-that-normalises-violent-masculinity-delhi-commission-for-protection-of-child-rights-to-ncert.jpg

Axe chapter that ‘normalises violent masculinity’: Delhi Commission for Protection of Child Rights to NCERT

दिल्ली बाल संरक्षण आयोग (DCPCR) के अध्यक्ष अनुराग कुन्डू ने क्लास 12 की अंग्रेजी की किताब ‘द लिटिल गर्ल’ के चैप्टर- III को हटाने की मांग की है। DCPCR अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘ये कहानी पुरूषवादी सोच को बढ़ावा देती है। पितृसत्ता को कायम रखती है और परिवार में विषाक्त व्यवहार को बढ़ावा देता है।” इस कहानी को हटाने के लिए अनुराग कुन्डू ने NCERT के निदेशक प्रोफेसर हृषीकेश सेनापति को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहानी का भी जिक्र किया है।
DCPCR अध्यक्ष अनुराग कुन्डू के अनुसार ‘द लिटिल गर्ल’ के चैप्टर- III की कहानी केजिया नाम की एक युवा लड़की पर आधारित है, जिसमें उसको अपने पिता से डरते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही अनुराग कुन्डू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कहानी में दो महिलाओं दादी और मां को सरल तरीके से दिखाया गया है। दोनों महिलाएं विनम्र हैं जबकि पिता केजिया को पीटता और चिल्लाता है तो वह उसके सामने खड़ी भी नहीं हो पाती है।
बच्चों को हिंसा स्वीकार करना सिखाती है ये कहानी
अनुराग कुन्डू ने कहा कि कहानी में मां का कहना है कि एक अच्छी लड़की होने का मतलब है कि उसे अपने पिता की सेवा करनी है, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि महिलाओं का यह चित्रण उस तरह के लैंगिक-समान समाज के साथ है जो हम सभी बनाने की आकांक्षा रखते हैं। अनुराग कुन्डू ने कहा है कि यह कहानी बच्चों को घर में हिंसा को स्वीकार करना सिखाती है।
 
लड़कियों को सशक्त नहीं बनाता है ये चैप्टर
अनुराग कुन्डू ने पत्र के माध्यम से कहा है कि इस चैप्टर को शामिल करने का उद्देश्य स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके साथ ही ये कहानी किसी भी तरह से लड़कियों को सशक्त नहीं बनाती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “हमारे घरों में हिंसा और हमारे समाज में पितृसत्ता हमारी दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है। हमारी पाठ्यपुस्तकें युवा दिमाग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वे बड़े होकर स्त्री द्वेष और हिंसा की धारणाओं को चुनौती देते हैं।” इसलिए अनुराग कुन्डू ने NCERT के निदेशक प्रोफेसर हृषीकेश सेनापति से हस्तक्षेप करने और इसे हटाने का अनुरोध किया है।

यह भी पढ़ें

मदरसे में NCERT पाठ्यक्रम से होगी पढ़ाई, बच्चों के लिए ड्रेस कोड भी लागू

 

Home / National News / ‘पुरूषवादी सोच को बढ़ावा देती है 12th की ये कहानी’, बाल आयोग ने NCERT को लिखा पत्र

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो