दरअसल, राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई पहला मामला साल 2012 का है। जिसमें एक चार साल की मासूम के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 3 लोगों को दोषी पाया गया था। केस मध्य प्रदेश के इंदौर से था। जिसमें बाबू उर्फ केतन जितेंद्र उर्फ जीतू व देवेंद्र उर्फ सनी को दोषी करार दिया गया था।
जबकि दूसरा केस पुणे से था। जहां साल 2007 में 22 वर्षीय विप्रो कर्मचारी के साथ कैब ड्राइवर पर अपने साथी के साथ मिलकर रेप और हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। जिसमें दो लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। ये दोनों मामले राष्ट्रपति के पास अप्रैल और मई महीने के दौरान भेजे गए थे। जिनको उन्होंने खारिज कर दिया है।
इसके अलावा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने कार्यकाल में 26/11 हमले के दोषी अजमल कसाब, 2001 संसद हमले में दोषी अफजल गुरु और साल 1993 मुंबई सीरियल बम धमाके में दोषी याकुब मेनन की क्षमा याचिका को खारिज कर दी थी। वहीं भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किसी भी क्षमा याचिका पर फैसला लिए बिना ही अपना कार्यकाल खत्म कर चुकी हैं।