प्रचार गाड़ी को जब्त किया
इसके बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह प्रचार गाड़ी को सजा रहे थे, इसी दौरान पुलिस उनके कार्यालय पहुंच गई। उन्होंने कहा कि उनको जान का खतरा है, क्योंकि जिस दिन वह कांग्रेस में शामिल हुए, उसी दिन उनकी सुरक्षा हटा ली गई थी। वहीं, सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बिना परमिशन लिए प्रचार के लिए गाड़ी सजाई जा रही है, इसीलिए जांच की जा रही है।
पुलिस ने पप्पू यादव से वाहनों के बारे में जानकारी ली और पूछा कि आपके पास कुल कितनी गाड़ियां है। सभी गाड़ियों का कागज दिखाइये। पुलिस के अधिकारियों ने करीब एक घंटे तक इस संबंध में पप्पू यादव से पूछताछ की फिर उसके बाद वही उनके कार्यालय से प्रचार गाड़ी को जब्त किया।
पप्पू यादव के नामांकन दाखिल करने के बाद पूर्णिया से त्रिकोणात्मक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। पूर्णिया में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। बनमनखी, कसबा, धमदाहा, पूर्णिया, कोढ़ा और रूपौली विधानसभा वाले इस सीट पर 2004 से जदयू और भाजपा का कब्जा रहा है। उसके पहले 1999 में पप्पू यादव बतौर निर्दलीय यहां जीत का परचम लहरा चुके हैं।
भाजपा ने पहली बार 1998 में यहां जीत दर्ज की थी। 2004 के चुनाव में भाजपा ने यहां दूसरी बार जीत दर्ज की और उदय सिंह सांसद चुने गए थे। 2009 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली। पूर्व सांसद पप्पू यादव को भी यहां से तीन बार विजयी होने का आशीर्वाद मतदाताओं ने दिया। 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा विजयी रहे। इस बार भी वह जदयू के सिंबल पर मैदान में हैं।