चीन ने बाल सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की भेंट पर शुक्रवार को कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि भारत को द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी व्यवधान को टालने के लिए चीन के मूल हितों का सम्मान करना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग सुआंग ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा हाल ही में चीन के दृढ़ अनुरोध और कड़े विरोध के बावजूद भारतीय पक्ष ने 14वें दलाईलामा के राष्ट्रपति भवन में जाने की व्यवस्था पर जोर दिया, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष इससे बिल्कुल असंतुष्ट है एवं दृढ़ता से उसके विरोध में है। गेंग ने कहा दलाई लामा राजनीतिक निर्वासन में हैं और वह धर्म की आड़ में तिब्बत को चीन से अलग करने की कोशिश में चीन विरोधी गतिविधियों में लगे हैं।
उन्होंने कहा हम चीन-भारत संबंधों में किसी भी व्यवधान को टालने के लिए भारतीय पक्ष से दलाई लामा गुट की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को ध्यान में रखने, चीन के मूल हितों एवं बड़ी चिंताओं का पूर्ण सम्मान करने तथा इस घटना से उत्पन्न नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए प्रभावी उपाय करने की अपील करते हैं।
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