कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “कांग्रेस ने महिलाओं को न्याय देने के लिए जो पांच गारंटी दी है उनमें पहली महालक्ष्मी गारंटी है जिसके तहत गरीब परिवारों की एक महिला को हर साल एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। दूसरी गारंटी आधी आबादी-पूरा हक की होगी जिसके तहत केंद्र सरकार की नयी नियुक्तियों में आधा हक महिलाओं को मिलेगा। शक्ति का सम्मान तीसरी गारंटी है जिस तहत आंगनवाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर्स के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना होगा होगा।”
उन्होंने कहा कि अधिकार मैत्री चौथी गारंटी है जिसके अंतर्गत हर पंचायत में महिलाओं को उनके हकों के लिए जागरूक करने और जरुरी मदद के लिए अधिकार मैत्री के रूप में एक पैरा लीगल यानी क़ानूनी सहायक की नियुक्ति की जाएगी। महिलाओं के लिए पांचवीं सावित्री बाई फुले हॉस्टल गारंटी है जिसके तहत भारत सरकार देश भर में सभी जिला मुख्यालयों में कम से कम एक कामकाजी महिलाओं का होस्टल बनाएगी और पूरे देश में इन होस्टल की संख्या दोगुनी की जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा , “इसके पहले हमने भागीदारी न्याय, किसान न्याय और युवा न्याय घोषित किए हैं और ये कहने की जरुरत नहीं कि हमारी गारंटी खोखले वादे और जुमले नहीं होते। हमारा कहा पत्थर की लकीर होती है। यही हमारा 1926 से अब तक का रिकॉर्ड है। जब हमारे विरोधियों का जन्म हो रहा था तब से हम घोषणा पत्र बना रहे हैं और घोषणाओं को पूरा कर रहे हैं। आप सब अपना आशीर्वाद कांग्रेस पार्टी को देते रहिए और लोकतंत्र और संविधान बचाने की इस लड़ाई में हमारा हाथ मज़बूत करिए।”
नारी न्याय से जुड़ी कांग्रेस की गारंटी देश की ‘आधी आबादी’ के जीवन में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी। जब देश की आधी आबादी सशक्त होगी, तभी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नारी न्याय-
• महालक्ष्मी: गरीब परिवार में एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए।
• आधी आबादी, पूरा हक़: केंद्र सरकार में सभी नई भर्तियों में आधा हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।
• शक्ति का सम्मान: आशा, आंगनवाड़ी और मिड-डे मील बनाने वाली महिलाओं के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा।
• अधिकार मैत्री: सभी पंचायत में एक अधिकार मैत्री नियुक्त करेंगे जो महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देंगे और इन अधिकारों को लागू करने में मदद करेंगे।
• सावित्री बाई फुले हॉस्टल: केंद्र सरकार देश में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की संख्या दोगुनी करेगी, प्रत्येक जिले में कम से कम एक हॉस्टल होगा।