संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि कोरोना के चलते दक्षिण एशियाई देश मुश्किलों से घिर गए हैं जिससे उन्हें 2030 तक के अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने इसपर भी प्रकाश डाला है कि आखिर क्यों अन्य देशों की तुलना में दक्षिण एशियाई देश कोरोना के समय में गंभीर परेशानियों से घिर चुके हैं। UN की रिपोर्ट के अनुसार “उम्मीद से धीमी वैक्सीनेशन की गति दक्षिण एशियाई देशों को कोरोना के नए वेरियंट और बार-बार सामने आ रहे खतरों से लड़ने में कमजोर बना रही है। वित्तीय बाधाओं और वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति न होने से कुछ देशों में रिकवरी का ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है।”
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में ही 2 लाख 64 हजार नए मामले सामने आए हैं। हालांकि देश में 154 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी है। गौरतलब है कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक थी जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई। इससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी।
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अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने इसपर भी प्रकाश डाला है कि आखिर क्यों अन्य देशों की तुलना में दक्षिण एशियाई देश कोरोना के समय में गंभीर परेशानियों से घिर चुके हैं। UN की रिपोर्ट के अनुसार “उम्मीद से धीमी वैक्सीनेशन की गति दक्षिण एशियाई देशों को कोरोना के नए वेरियंट और बार-बार सामने आ रहे खतरों से लड़ने में कमजोर बना रही है। वित्तीय बाधाओं और वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति न होने से कुछ देशों में रिकवरी का ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है।”
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में ही 2 लाख 64 हजार नए मामले सामने आए हैं। हालांकि देश में 154 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी है। गौरतलब है कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक थी जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई। इससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी।
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