याचिकाकर्ता अनुज मल्होत्रा ने कहा कि 18 अगस्त, 2021 को दिल्ली सरकार द्वारा जारी स्पा/मसाज केंद्रों के संचालन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न स्पा और मालिश केंद्रों में क्रॉस-जेंडर मालिश की जाती है। मल्होत्रा ने दिल्ली महिला आयोग के साथ नियमित रूप से स्पा या मसाज सेंटर के रिकॉर्डिंग साझा करने के लिए एक निर्देश जारी किया था।
याचिका में तर्क- अवैध वेश्यावृत्ति का प्रसार हुआ
2 अप्रैल को, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर गौर किया और पाया कि इन दिशानिर्देशों की वैधता को चुनौती उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष विचाराधीन है।
“चूंकि विद्वान एकल न्यायाधीश पहले से ही विवाद से परिचित हैं, इसलिए इस न्यायालय का मानना है कि वर्तमान सार्वजनिक हित पर विचार नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि लिहाजा ऐेस में, वर्तमान याचिका खारिज की जाती है।
2 अप्रैल को सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि दिशानिर्देशों के खंड 2 (बी) के अनुसार, दिल्ली में स्पा या मसाज केंद्रों में क्रॉस-जेंडर मालिश निषिद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि दिशानिर्देशों के खंड 2 (डी) का उल्लंघन करते हुए बंद कमरों में ऐसी मालिश प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि क्रॉस-जेंडर के कारण “अवैध वेश्यावृत्ति का संचालन और प्रसार” हुआ है।