राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी एक ऐतिहासिक कदम है और ये एक संतोष की बात है। उनका कहना कि इस कानून को लेकर लेकर सभी ने सकारात्मक रवैया दिखाया। और मेरा विश्वास सही निकला। ध्यान हो कि जीएसटी लागू होने के बाद से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग लगाए जाने वाले फैक्ट्री गेट, उत्पाद शुल्क, सेवा, स्थानीय बिक्री कर या वैट को एक साथ खत्म कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण… पीएम मोदी ने कहा कि यह रास्ता किसी एक दल और किसी एक सरकार की सिद्दी नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के प्रयास का फल है। उनका कहना कि इस सेंट्रल हॉल में देश के लिए बड़े ऐतिहासिक काम हुए हैं। और 9 दिसबंर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक भी यही हुई थी। तब देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू, अबुल कलाम आजाद, वल्लभ भाई पटेल समेत कई लोग सभा में थे।
पीएम ने कहा कि इस जीएसटी से केवल देश की अर्थव्यवस्था को ङी लाभ नहीं पहुंचेगा, बल्कि इसके जरिए देश में नई व्यवस्था की भी शुरुआत होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि दल कोई भी सबने देश की जनता के प्रति अपनी संवेदशीलता को बनाए रखते हुए काम किया।
इससे पहले संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और पीएम मोदी समेत उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कई बड़े नेता और गणमान्य लोग उपस्थित हैं। इससे पहले सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति मुखर्जी और पीएम मोदी के पहुंचने के बाद 11 बजे सभी ने एक साथ मिलकर राष्ट्रगान गाया। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी भी संसद में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
उसके बाद वित्त मंत्री जेटली ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आजाद भारत में जीएसटी लागू होने के बाद देश का नया निर्माण होगा। जिससे देश की जनता को आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सभी को एक साथ लेकर चलें और इसके अहम गवाह खुद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी हैं। अरुण जेटली ने कहा कि संसद ने सभी सुझावों को सर्वसम्मति से मानते हुए जीएसटी की 18 बैठकें की थी। जिसके बाद इस अहम बिल को कानून में बदला गया।
वकील का दावा- राजस्थान सरकार के 4 मंत्रियों के इशारे पर हुआ आनंदपाल का फर्जी एनकाउंटर, इनका हर राज था उसके पास जयपुर/सीकर। आनंदपाल के वकील एपी सिंह का दावा है कि आनंदपाल के राजस्थान सरकार के चार मंत्रियों से सीधे संबंध थे। आनंदपाल ने ही इन्हें नीचे से मंत्री पद तक पहुंचाया। इनका हर राज आनंदपाल के पास था। एेसे में इन मंत्रियों को राज खुलने का डर था। इन मंत्रियों ने आनंदपाल का सरेंडर नहीं होने दिया और योजनाबद्ध तरीके से फर्जी एनकाउंटर किया गया।
जनता के सामने रखेंगे सबूत सीकर में पत्रकारों से बातचीत में एपी सिंह ने कहा कि यह सारे राज उनके पास रिकार्डिंग, टेलीफोन डिटेल और सीडी के रूप में मौजूद है। इन सबूतों के डर से ही सरकार आनंदपाल के एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच नहीं करवाना चाहती। इन सबूतों को पहले अदालत में पेश किया जाएगा। बाद में जनता के सामने रखा जाएगा।
जान का खतरा एपी सिंह ने यह भी कहा कि सबूतों के चलते उन्हें भी जान का खतरा हो गया है। लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। हालांकि आनंदपाल से संपर्क रखने वाले मंत्रियों और उन्हें धमकी देने वालों के नाम का खुलासा नहीं किया। उनका कहना है कि पहले सबूत अदालत में रखे जाएंगे। इसके बाद जनता के सामने।
सरेंडर के किए काफी प्रयास एडवोकेट एपी सिंह ने बताया कि पिछले एक वर्ष में उन्होंने आनंदपाल को सरेंडर करवाने के काफी प्रयास किया। इसके लिए वे राज्यपाल और गृहमंत्री से भी मिले। स्वयं का वकालत नामा पेश कर कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी और सीबीआई से मामलों की जांच के साथ वीसी से पेशी करवाई जाए तो आनंदपाल सरेंडर कर सकता है, लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है।
… तो जिंदा होता आनंदपाल! उनका कहना है वह सरकार के भरोसे ना रहकर मीडिया के सामने अगर आनंदपाल का सरेंडर करवा देते तो आज आनंदपाल जिंदा होता। आनंदपाल एनकाउंटरः चूरू व नागौर के कई उपखंड में 48 घंटे इंटरनेट बंद, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को किया पाबंद
चूरू/रतनगढ़/लाडनूं/नागौर। गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के छठे दिन अपर जिला एवं सेशन न्यायालय के आदेश पर चूरू के डेडराज भरतीया राजकीय चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम से पूर्व पुलिस ने माइक से घोषणा कर परिजनों को बुलवाया, लेकिन परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा। वहीं नागौर पुलिस ने करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पाबंद किया है।
इस दौरान वीडियोग्राफी भी करवाई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए देखते हुए जिला प्रशासन ने चूरू जिले में तथा नागौर के कई उपखंड में इंटरनेट सेवा पर 48 घंटे तक रोक लगा दी गई है तथा लाडनूं में उपखंड अधिकारी ने धारा 144 लागू की है। मामले मेंं पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने बताया कि चूरू पुलिस ने आनंदपाल के परिजनों को 12घंटे में शव सुपुर्दगी लेने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर पोस्टमार्टम शुक्रवार को रतनगढ़ के अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने आनंदपाल की मां निर्मल कंवर की ओर से पेश आवेदन पर सुनवाई की। न्यायालय ने बाद दोपहर सवा 12 बजे शव का पोस्टमार्टम उच्चतम न्यायालय की गाइडलाइन अनुसार करवाने के आदेश दिए।
भारी जाब्ते के साथ शव को ले जाया गया चूरू न्यायालय के आदेश के बाद करीब सवा एक बजे रतनगढ़ के राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी से भारी जाप्ते के साथ शव को चूरू के राजकीय डेडराज भरतिया चिकित्सालय ले जाया गया। एम्बुलेंस के साथ पुलिस की 20 से अधिक गाड़ियां भी रवाना हुई।
पुलिस ने किया गोगामेड़ी को किया पाबंद उधर, नागौर पुलिस ने आनंदपाल एनकाउंटर मामले में सांवराद में डेरा डाले बैठे करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पाबंद किया है। जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख के अनुसार करणी सेना के गोगामेड़ी को किसी भी प्रकार से शांति भंग नहीं करने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंद किया है।
भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अपनी ही सरकार पर बोला हमला, पुलिस थाने में धरना, दी प्रदर्शन कर घेराव की चेतावनी रामगढ़/अलवर। भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने एक बार फिर अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि जिले व रामगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने पुलिस पर सवालिया निशान लगाते हुए आगामी 4 जुलाई को रामगढ़ पुलिस थाने में धरना, प्रदर्शन कर घेराव की चेतावनी दी है। विधायक आहूजा शुक्रवार को रामगढ़ स्थित भाजपा कार्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
भाजपा विधायक आहूजा ने प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि जिले में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। जिले में रामगढ़ समेत अन्य कई स्थानों पर लव जेहाद की घटनाएं हुई हैं और पुलिस इन घटनाओं के आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि उनकी तीन मांगें प्रमुख हैं।
इनमें जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था में सुधार कराने, जिले में बढ़ रही लव जेहाद की घटनाओं पर रोक तथा एेसी घटनाओं के आरोपितों की गिरफ्तारी कर पीडि़त पक्ष की लड़की की बरामदगी कराने और रामगढ़ पुलिस थाने के स्टॉफ का स्थानांतरण शामिल है। हालांकि थाने में अच्छा काम करने वाले दो-तीन पुलिसकर्मियों को छोड़कर शेष स्टाफ को बदलने कीे जरूरत बताई।
विधायक ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पहले चार जुलाई को रामगढ़ पुलिस थाने में धरना दिया जाएगा। इसके बाद जरूरत पड़ी तो जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर और इस पर भी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा।
आहूजा ने कहा कि उन्हें पता है कि राज्य में भाजपा की सरकार और वे स्वयं भाजपा के विधायक हैं, खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन नहीं करना चाहिए, लेकिन जिले में कानून व्यवस्था बिगडऩे के कारण उन्हें मजबूर होना पड़ रहा है।
भाजपा विधायक ने राज्य व केन्द्र सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं व नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों ही स्थानों पर हमारी सरकारें अच्छा काम कर रही हैं। वार्ता के दौरान पार्टी की महिला मोर्चा अध्यक्ष जसबीर कौर, मण्डल अध्यक्ष गोपाल ठेकेदार, शिवलाल राजपूत, मनोज खण्डेलवाल, लक्की कुकडेजा,महेश साहू, अमनसिंह, कैलाश खण्डेलवाल, रामजीलाल यादव, वीरसिंह, मनीष गर्ग सहित अन्य पदाधिकरी मौजूद थे।
हवाआें ने पलट दी बाजी, बाड़मेर-कोटा में अटक गया मानूसन, अब मौसम विभाग को गर्मी पड़ने का इंतजार जोधपुर। प्रदेश में मौसमी परिस्थितियां प्रतिकूल होने से मानसून बाड़मेर और कोटा में ही अटककर रह गया है। बाड़मेर में शुक्रवार को 64 मिलीमीटर पानी बरसा, लेकिन मानसून के आगे बढऩे के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन सकी।
मौसम विभाग ने बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में मानसून के आगे बढऩे की संंभावना जतार्इ है। यहां तक कि हरियाणा और दिल्ली में मानसून पहुंचने का पूर्वानुमान दिया है, लेकिन राजस्थान का नाम गायब है। राजस्थान में मंगलवार को बाड़मेर, चित्तौडग़ढ़, कोटा यानी दक्षिणी हिस्से में मानसून पहुंचा था।
मौसम विभाग ने दो दिन में पूरे प्रदेश में छा जाने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन एेनवक्त पर हवाओं की दिशा बदलने से बाजी पलट गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अब हवा की अनुकूल दिशा के साथ गर्मी पडऩे का इंतजार है, ताकि मानसून को प्रदेश में गति मिल सके।
हम आपको बता दें कि इस बार मानसून बाड़मेर के रास्ते राजस्थान में पहुंचा है। रेगिस्तानी इलाकों में मानसून आमतौर पर सबसे बाद में पहुंचता है लेकिन इस बार उसने सबसे पहले वहीं से प्रदेश में प्रवेश किया है।