दरअसल, हिन्दू सेना ने एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। इस याचिका में घरेलू विमानों में सिख यात्रियों को कृपाण ले जाने की अनुमति देने के ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के फैसले को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया था और मामले को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा था।
इस याचिका में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के उस नोटीफिकेशन को चुनौती दी गई थी जिसमें कहा गया था कि केवल सिख यात्री ही घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ शर्तें थी। शर्त के अनुसार ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक नहीं होनी चाहिए, उसकी कुल लंबाई 22.86 सेमी (9 इंच) से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके बाद हिन्दू सेना ने हाई कोर्ट का रुख किया है।
इस याचिका में पूर्व में हुए प्लेन हाईजैक के रिकार्ड पर चिंता जताई गई है और सवाल किया गया है कि इस तरह की अनुमति से होने वाले जोखिम को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।