7 दिनों की रिमांड के बाद अब 14 दिनों की न्यायिक हिरासत
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें पहली बार सीबीआई की पांच दिनों की रिमांड में भेजा गया था। 4 मार्च को पांच दिनों का रिमांड समाप्त होने पर उन्हें फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।
जहां सीबीआई ने तीन दिनों की रिमांड मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने सिसोदिया को दो दिनों के रिमांड पर भेजा था। आज 6 मार्च को सिसोदिया का दो दिनों का रिमांड समाप्त होने पर उन्हें फिर कोर्ट लाया गया था। जहां से उन्हें 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
जमानत याचिका पर 10 मार्च को आएगा फैसला
दूसरी ओर मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट 10 मार्च को दोपहर 2 बजे फैसला सुनाएगा। 4 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को की जाएगी। ऐसे में अब सीबीआई यदि सिसोदिया की रिमांड की मांग नहीं करती है तो उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में जाने का दिया था निर्देश
बताते चले कि CBI ने 26 फरवरी को सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। 27 फरवरी को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने CBI को सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी दी थी। 28 फरवरी की सुबह कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जहां से सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया था।
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CBI का दावा जांच में सहयोग नहीं कर रहे सिसोदिया
इससे पहले शनिवार को दिल्ली के राउज ऐवन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया की पेशी हुई। शराब नीति केस में गिरफ्तार सिसोदिया को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया। जहां सीबीआई ने कोर्ट से सिसोदिया की तीन दिनों की रिमांड की मांग की। सीबीआई ने कहा कि जांच में सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब नहहीं दे रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा- आपके अनुसार सवालों का जवाब नहीं दे सकता
इस पर कोर्ट ने कहा कि सहयोग न करना रिमांड का आधार कैसे हो सकता है। दूसरी ओर सिसोदिया के वकील ने कहा कि असहयोग रिमांड का आधार नहीं है। दूसरी ओर सिसोदिया की ओर से दावा किया गया है कि वो जांच में पूरी तरीके से सहयोग कर रहे हैं। सिसोदिया ने यह भी कहा कि आपके मुताबिक प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकता। इस दौरान कोर्ट में बेहद गहमा-गहमी का माहौल देखने को मिला। दोनों पक्षों के वकील अपने-अपने दलील पर अड़े दिखे।