ब्रिट्रिश जर्नल ऑफ साइकेट्री में हुआ खुलासा
ब्रिटेन में हुए अध्ययन के अनुसार दिल्ली और एनसीआर का प्रदूषण स्तर लोगों की मेंटल हेल्थ बिगाड़ सकता है। यहां लंबे समय तक रहने वालों में अवसाद की समस्या बढ़ सकती है। लोग अनिंद्रा और एंजाइटी के चरम तक पहुंच सकते हैं। इस स्टडी में यह चेतावनी दी गई है कि जिन लोगों को ये दिक्कतें अगर पहले से मौजूद हैं तो यह संभव है कि प्रदूषित वायु उनकी परेशानियों में और इजाफा करेगा। ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकेट्री की यह सलाह है कि इन दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को ऐसी प्रदूषित जगहों को छोड़कर किसी बेहतर वायु गुणवत्ता वाली जगहों पर शिफ्ट कर जाना चाहिए।
प्रदूषण से आत्महत्या का भी है कनेक्शन
ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकेट्री के अनुसार जहरीली हवा को आत्महत्या के लिए उकसाती है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में हर रोज करीब 7 लोग आत्महत्या करते हैं। दिल्ली में सालाना 2,526 लोग आत्महत्या कर लेते हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो प्रदूषित स्थानों में लंबे समय तक रहने वालों का मेंटल डिसऑर्डर गड़बड़ाने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
जहरीली हवा में शामिल होती हैं ये खतरनाक गैस
स्टडी में यह बताया गया है कि वायु प्रदूषण की चलते लोगों की मेमोरी खराब हो सकती है। उन्हें भूल जाने की बीमारी डिमेंशिया तक हो सकता है। वायु प्रदूषण के चलते शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। वायु में मौजूद सल्फर डाईऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (NO2), कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO2), मिथेन (CH4) गैस इंसान के शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
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