दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट स्टडीज के प्रोफेसर सखी जॉन 21 दिसंबर को केरल के त्रिशूर जिले के केरलके पीची में रहने वाले शाजू पॉल को अपनी किडनी देंगे। किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए ग्रामीणों ने कमेटी बनाकर 22 लाख रुपए इकट्ठे किए। 44 साल के शाजू पॉल वन विभाग की जमीन पर बनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं। उनका किडनी ट्रांसप्लांट कोच्चि के लेकशोर हॉस्पिटल में होगा।
PM मोदी से प्रभावित इस बच्ची ने कायम की अनोखी मिसाल, गुल्लक के पैसों से बना दिए निर्धनों के लिए टॉयलेट दोनों की मुलाकात तीन महीने पहले हुई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने एक कमेटी बनाकर पॉल की किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए 22 लाख रुपए इकट्ठे किए। एक पादरी की पहल पर एक किडनी डोनर सखी जॉन सीधे मरीज के दरवाजे पर पहुंच गया।
परिवार वालों का विरोध 45 साल के प्रोफेसर जॉन के परिवारवाले उनके इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। फिर भी वे किडनी देने पर अड़े हैं। वे हमारे लिए हैं भगवान
शाजी पॉल बताते हैं परिवा में मेरी पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। प्रोफेसर पॉल किडनी देने को तैयार हैं। वे हमारे लिए भगवान की तरह हैं। ऐसे हुआ संभव प्रोफेसर जॉन बताते हैं कि जब उन्होंने शाजी पॉल को किडनी देने का फैसला किया था, उस वक्त उनके पास 5000 रुपये भी नहीं थे। फादर डेविस चिरामेल की वजह से ही यह संभव हुआ है।
पासपोर्ट बनवाने में हो गई ये गलती तो आसानी से करें सुधार, सरकार ने सरल कर दिए नियम फादर चिरामेल किडनी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। इससे पहले साल 2015 में जॉन की मुलाकात फादर चिरामेल से हुई थी। जब उन्होंने दो शर्तों पर अपनी किडनी दान करने की बात कही थी। पहला कि जिसे किडनी दे रहे हैं वो गरीब हो और दूसरा ये कि इसे बहुत प्रचारित-प्रसारित न किया जाए।