राजस्थान ग्रामीण किसान मजदूर समिति के मीडिया प्रभारी रणजीत राजू ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति नहीं बन सकी है। सभी फोरमों में बात करने के बाद किसान नेताओं ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठियां भांजेगी तो खाएंगे, गोले दागेंगे तो उसका भी सामना करेंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 21 फरवरी को सुबह 11 बजे हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे। तब तक हम केंद्र के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।
मोदी सरकार अपने MSP प्रस्ताव में सिर्फ हरियाणा पंजाब के किसानों को देख रही है। आंदोलन देशभर के किसानों की विभिन्न फसलों के लिए है। धान पर सरकार एमएसपी देने के लिए राजी हुई है मगर पैदावार अपने हिसाब से चाहती है। यह किसानों को मंजूर नहीं है। भाकियू शहीद भगत सिहं के किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने भी इसकी पुष्टि की है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसानों को तिलहन और बाजरा पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। केंद्र सरकार अच्छी तरह से सोच और समझ ले 21 फरवरी सुबह 11 बजे तक पूरा समय है। सरकार अगर नहीं मानती है तो हरियाणा का किसान पूरी ताकत के साथ आंदोलन करेगा।
पंजाब हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन में तीसरे किसान की मौत हो गई है। यह किसान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के घर के बाहर दो दिन से प्रदर्शन कर रहा था। इससे पहले भी आंदोलन में दो किसानों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर तैनात एक एसआई की भी मौत हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन पंजाब से चल रहा है। केंद्र सरकार ने 22 फसलों पर MSP पहले से ही लागू की हुई है। सभी चीजों पर MSP लागू करने से पहले सोचना पड़ता है। किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जा रहा है।