परिजनों ने कहा वे निर्दोष थे
जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात सुरक्षाबलों को हैदरपोरा में कुछ आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें 2 आतंकी ढ़ेर हो गए। मुठभेड़ में दो अन्य की भी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि ये दोनों आतंकियों के सहयोगी है। वहीं परिजन पुलिस पर उनकी हत्या का आरोप लगा रही है। परिजनों का कहना है कि वे निर्दोष थे। उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
इसके बाद से राज्य की विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें क्रॉस फायरिंग में मारना और फिर उन्हें आसानी से ओवर ग्राउंड वर्कर्स के करार देना अब भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आ सके।
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एनकाउंट की जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि मुठभेड़ और मारे गए लोगों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस एनकाउंटर को लेकर उठाए गए सवालों का विश्वसनीय तरीके से जवाब देने की जरूरत है। विपक्ष का कहना है कि कश्मीर में हो रही हत्याओं पर उठ रहे सवालों को इस तरह के फर्जी एनकाउंटर कर बंद नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी विपक्ष कई बार केंद्र पर कश्मीर को न संभाल पाने का आरोप लगा चुकी है।