रेट्रो के नाम \"जिंदगी\"
रेट्रो थीम को लेकर हाल के दौर में कई फिल्में बन चुकी हैं, जो पॉपुलर भी रही है...
Updated: January 16, 2015 12:11:13 pm
रेट्रो थीम को लेकर हाल के दौर में कई फिल्में बन चुकी हैं, जो पॉपुलर भी रही हैं। "दीवानापन", "शीशा", "अलग" का निर्देशन कर चुके आशु त्रिखा की इस हफ्ते आई फिल्म "जिंदगी तेरे नाम" भी बीते दौर की लव स्टोरी पर बेस है। अच्छी स्टोरीलाइन और दिलकश लोकेशन के बावजूद यह फिल्म कहीं भी दिल को नहीं छूती। टिकाऊ-बिकाऊ अदाकार, जानदार ट्रीटमेंट और प्रजेंटेशन के अभाव में यह एंटरटेन नहीं करती।
स्टोरी
"लव आज कल" की तर्ज पर यह प्रेम कहानी वर्तमान में शुरू होकर अतीत की रोमांटिक गलियों से गुजरती है। वायलिन बनाने और बजाने वाले सिद्धार्थ को अमीर बाप की बेटी अंजलि से प्यार हो जाता है। लेकिन अंजलि की जिद्दी मां उसका रिश्ता अमीरजादे विशाल से करना चाहती है। इससे अंजलि का दिल टूटता है और वह अल्जाइमर्स डिजीज की शिकार हो जाê
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