नई दिल्लीPublished: May 27, 2023 01:11:07 pm
Shaitan Prajapat
जस्टिस कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंदिरता की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को मौलिक अधिकारों के संरक्षण से बाहर नहीं किया जा सकता।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को मौलिक अधिकारों के संरक्षण से बाहर नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने 2019 में मेमोरेंडम ऑर्डर (एमओ) को रद्द कर दिया है, जिसने मामले के लंबित रहने के दौरान सेंट्रल पीडब्ल्यूडी इंजीनियर्स एसोसिएशन की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि संघ या यूनियन बनाना सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। अदालत ने कहा कि निर्णय सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी नहीं किया गया, जैसा कि सीसीएस (आरएसए) नियम, 1993 के तहत प्रदान किया गया। हालांकि फैसला केवल डीजी, सीपीडब्ल्यूडी के स्तर पर लिया गया।