तेलंगाना: राज्य व केन्द्र में अलग-अलग राय
-कुल प्रवासी: 18 लाख -केन्द्र व राज्य के चुनाव में अलग-अलग राय।
-प्रवासियों के कई संगठन व संस्थाएं काम कर रही।
-संगठनों के वार्षिक कार्यक्रमों में केन्द्र व क्षेत्रीय दलों के नेता भाग लेते रहे हैं।
-कुल प्रवासी: 18 लाख -केन्द्र व राज्य के चुनाव में अलग-अलग राय।
-प्रवासियों के कई संगठन व संस्थाएं काम कर रही।
-संगठनों के वार्षिक कार्यक्रमों में केन्द्र व क्षेत्रीय दलों के नेता भाग लेते रहे हैं।
पश्चिम बंगाल : कई सीटों पर दिख रहा असर
-कुल प्रवासी: 3 करोड़
-चार-पांच सीटों पर प्रवासियों का प्रभाव।
-राजस्थान, बिहार, यूपी, झारखंड, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा और पंजाब के प्रवासी ज्यादा।
-कोलकाता में राजस्थानियों का प्रभाव। गुजरात : हर चुनाव में निभाते अहम रोल
-कुल प्रवासी: 60 लाख
-राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश सहित उत्तर भारत के प्रवासी ज्यादा।
-हर चुनाव में अहम रोल निभाते हैं यहां के प्रवासी।
-अहमदाबाद, राजकोट, गांधीधाम, वडोदरा, सूरत में राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
-कुल प्रवासी: 3 करोड़
-चार-पांच सीटों पर प्रवासियों का प्रभाव।
-राजस्थान, बिहार, यूपी, झारखंड, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा और पंजाब के प्रवासी ज्यादा।
-कोलकाता में राजस्थानियों का प्रभाव। गुजरात : हर चुनाव में निभाते अहम रोल
-कुल प्रवासी: 60 लाख
-राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश सहित उत्तर भारत के प्रवासी ज्यादा।
-हर चुनाव में अहम रोल निभाते हैं यहां के प्रवासी।
-अहमदाबाद, राजकोट, गांधीधाम, वडोदरा, सूरत में राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
कर्नाटक : चुनाव की हवा बदल देते हैं राजस्थानी
-कुल प्रवासी : 1.25 लाख
-बेंगलूरु, मैसूरु, हुब्बल्ली सहित अन्य क्षेत्रों में राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
-अधिकत्तर प्रवासी व्यापारी, खुलकर नहीं रखते राय। हवा बदलने में प्रभाव।
-पिछले तीन चुनावों में भाजपा की तरफ रहा झुकाव।
-कुल प्रवासी : 1.25 लाख
-बेंगलूरु, मैसूरु, हुब्बल्ली सहित अन्य क्षेत्रों में राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
-अधिकत्तर प्रवासी व्यापारी, खुलकर नहीं रखते राय। हवा बदलने में प्रभाव।
-पिछले तीन चुनावों में भाजपा की तरफ रहा झुकाव।
तमिलनाडु : चेन्नई शहर पर अधिक प्रभाव
-कुल प्रवासी : 8 लाख
-राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश के प्रवासी ज्यादा।
-चैन्नई सैन्ट्रल सीट पर राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
-इस चुनाव में प्रवासी अधिक संगठित दिखाई दे रहे। महाराष्ट्र : कई सीटों पर निर्णायक की भूमिका
-कुल प्रवासी : 2.5 करोड़
-मुम्बई महानगर, थाणे, पालघर, नाशिक व पुणे में निर्णायक की भूमिका।
-उत्तर भारतीय, राजस्थानी और गुजराती की संख्या ज्यादा।
-रोजगार में गारंटी, कानूनी सुरक्षा है प्रवासियों की बड़ी मांग।
-कुल प्रवासी : 8 लाख
-राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार व मध्यप्रदेश के प्रवासी ज्यादा।
-चैन्नई सैन्ट्रल सीट पर राजस्थानी प्रवासियों का प्रभाव।
-इस चुनाव में प्रवासी अधिक संगठित दिखाई दे रहे। महाराष्ट्र : कई सीटों पर निर्णायक की भूमिका
-कुल प्रवासी : 2.5 करोड़
-मुम्बई महानगर, थाणे, पालघर, नाशिक व पुणे में निर्णायक की भूमिका।
-उत्तर भारतीय, राजस्थानी और गुजराती की संख्या ज्यादा।
-रोजगार में गारंटी, कानूनी सुरक्षा है प्रवासियों की बड़ी मांग।
प्रवासियों के लिए दलों की तैयारी
-ऐसी प्रवासी, जिनके वोट उनके कार्य या व्यापारिक क्षेत्र में ही पड़ेगे, उनकेे वोट शत-प्रतिशत दिलाने की जिम्मेदारी। -ऐसे प्रवासी, जिनके वोट उनके मूल राज्य में पड़ेगे, उन्हें सूचीबद्ध कर मतदान दिवस उनके गृह राज्यों के बूथों पर लाकर वोट देने के बाद पुन: कार्य क्षेत्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी।
-ऐसी प्रवासी, जिनके वोट उनके कार्य या व्यापारिक क्षेत्र में ही पड़ेगे, उनकेे वोट शत-प्रतिशत दिलाने की जिम्मेदारी। -ऐसे प्रवासी, जिनके वोट उनके मूल राज्य में पड़ेगे, उन्हें सूचीबद्ध कर मतदान दिवस उनके गृह राज्यों के बूथों पर लाकर वोट देने के बाद पुन: कार्य क्षेत्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी।
चुनाव भी जीते
कई राज्यों में प्रवासियों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। न केवल चुनाव में उतरे, बल्कि जीत भी दर्ज कर राजनीति में अपनी छाप भी छोड़ी।
कई राज्यों में प्रवासियों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। न केवल चुनाव में उतरे, बल्कि जीत भी दर्ज कर राजनीति में अपनी छाप भी छोड़ी।