गौरतलब है कि पीएम मोदी हर बार 15 अगस्त के अपने भाषण में एक बार महर्षि अरबिंदो का जिक्र जरूर करते हैं। वहीं, उन्हें लाल किले से उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन भी अर्पित करते है। बता दें कि महर्षि अरबिदों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने देश की आजादी में महान भूमिका निभाई है।
महर्षि अरबिंदों ने अपने विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए ‘वन्दे मातरम’ नाम के अखबार का प्रकाशन किया था। उनके संपादकीय लेखों ने उन्हें अखिल भारतीय ख्याति दिला दी। इसके अलावा महर्षि अरबिंदो ने लाइफ डिवाइन, ऐसेज आन गीता और फाउंडेशन ऑफ इंडियन कल्चर समेत कई प्रसिद्ध पुस्तके लिखी। उनकी एक और महत्त्वपूर्ण कविता संग्रह ‘सावित्री’ को महाकाव्य का दर्जा हासिल है।
महर्षि अरबिंद के विचार आत्मसात करने की आवश्यता 15 अगस्त 1872 को जन्में महर्षि अरविंद कहते थे कि हमें उतना सामर्थ्यवान बनना होगा, जितना हम पहले कभी नहीं थे। हमें अपनी आदतें बदली होंगी, एक नए हृदय के साथ अपने को फिर से जागृत करना होगा। अपने भाषण में पीएम मोदी ने महर्षि अरबिंदो के इस विचार का जिक्र किया था। पीएम ने कहा कि साल 2022 में उनकी 150वीं जयंती है, इस अवसर पर हमें उनके विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।