भारत को दुनिया में भले ही एक बौद्धिक रूप से धनी देश का दर्जा हासिल हो, लेकिन बौद्धिक संपदा के संरक्षण के मामले में हम फिसड्डी हैं। बौद्धिक संपदा (आईपी) संरक्षण के लिए जारी 38 देशों की सूची में भारत को 37 वां स्थान मिला है। अमेरीका इस सूची में पहले स्थान पर है। वेनेजुएला को इस सूची में अंतिम स्थान मिला है।
अमरीकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक बौद्धिक संपदा केंद्र (जीआईपीसी) ने चौथा सालाना अंतरराष्ट्रीय आईपी सूचकांक जारी किया है। इसमें आर्थिक लिहाज से दुनिया के प्रमुख 38 देशों को बौद्धिक संपदा माहौल के आधार पर सूचीबद्ध किया गया है। चैंबर द्वारा जारी चौथे सूचकांक में भारत का स्कोर तीसरे संस्करण के 7.23 की अपेक्षा घटकर 7.05 रह गया है।
कानून व्यवस्था द्वारा ऑनलाइन चोरी में पर्याप्त प्रवर्तन तंत्र प्रदान न कर पाने की वजह से भारत इस सूची में केवल वेनजुएला से आगे है। भारत के इस सूची में इतना नीचे रहने पर कहा गया है कि सरकार ने यदि कंप्यूटर संबंधी खोज (सीआरआई) के लिए अंतिम दिशानिर्देश को लागू करने से रोका नहीं होता, तो भारत को अधिक अंक मिले होते।
सुचकांक में शामिल 38 देशों में से करीब आधे देश ऐसे हैं, जिनके अंक सुधरे हैं। ताजा सूचकांक में शामिल 38 देश 85 फीसदी वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रतिनिधित्व करते हैं। सूचकांक बनाने में इन देशों को पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क सुरक्षा जैसे नवाचार के लिए जरूरी 30 मानकों पर परखा गया है।
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