विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शनिवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि एनएसजी में भारत के शामिल होने के प्रयासों में अड़ंगा लगाने के बावजूद चीन के साथ उसकी बातचीत जारी रहेगी और उसे पूरा भरोसा है कि वह इस समूह में शामिल होने के लिए चीन को राजी कर लेगा।
वह इन सवालों का जवाब दे रहे थे कि एनएसजी पर चीन के सख्त रवैये को देखते हुए क्या भारत उसके साथ द्विपक्षीय बातचीत करने का इच्छुक है। स्वरूप ने कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की प्रक्रिया कभी बंद नहीं हुई, इसलिए इसे शुरू करने या बहाल करने का कोई सवाल ही नहीं है। यह विभिन्न स्तरों पर जारी बातचीत का विषय रहा है। उन्होंने कहा कि सभी उच्च स्तरीय यात्राओं के दौरान अन्य मुद्दों के साथ इस मुद्दे पर भी चीन के साथ विचार-विमर्श हुआ था और एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन से पहले विदेश सचिव ने चीन की यात्रा की थी। इसके मद्देनजर चीन के साथ नये सिरे से बातचीत शुरू करने का सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ जारी बातचीत का यह एक विषय है और जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में एक टेलीविजन चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा है कि चीन के साथ जारी विचार-विमर्श का यह मुद्दा रहेगा क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चीन को विश्वास में लेकर एनएसजी में भारत के शामिल होने की जरूरत के बारे में उसे राजी कर लेंगे।