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ISRO आज फिर अंतरिक्ष में रचेगा इतिहास, 8 नैनो सैटेलाइट के साथ श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा ओशनसैट 3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज पृथ्वी अवलोकन उपग्रह – 06 (EOS-06) और आठ नैनो उपग्रह लॉन्च करेगा। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C54) श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर उपग्रहों को लॉन्च करेगा। EOS-6 उपग्रहों की ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है।

Nov 26, 2022 / 08:42 am

Shaitan Prajapat

ISRO

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने बीते दिनों निजी क्षेत्र के मिशन को लॉन्च करने के बाद अब नया इतिहास रचने जा रहा है। इसरो आज मिशन PSLV-C54/ EOS-06 को लॉन्च करने जा रहा है। इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के साल के अंतिम मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है। पीएसएलवी-सी54 मिशन नौ उपग्रहों के साथ श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहले लॉन्च पैड से शुरू होगा, जिसमें 8 नैनो उपग्रह शामिल हैं। इस मिशन को आज सुबह 11.46 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसका 25 घंटे का काउंटडाउन शुक्रवार (25 नवंबर) सुबह 10.46 पर शुरू हो चुका है।


बता दें कि यह भारत से पीएसएलवी की 56वीं उड़ान होगी और 2022 में यान का पांचवां और अंतिम प्रक्षेपण होगा। 44.4 मीटर का रॉकेट 321 टन के उत्थापन द्रव्यमान के साथ लॉन्च होगा, जिसका प्राथमिक उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 होगा। ओशनसैट-3 को भी डब किया।

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मिशन का प्राथमिक पेलोड ओशनसैट सीरीज के थर्ड जेनरेशन सैटेलाइट ओशनसैट-3 है। ओशनसैट सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं, जो कि समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए समर्पित हैं। इसके अलावा यह सैटेलाइट समुद्री मौसम का पूर्वानुमान करने में सक्षम है, जिससे देश किसी भी चक्रवात के लिए पहले से तैयार रहे।

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इस मिशन को लेकर कहा जा रहा है कि यह इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे मिशनों में से एक है। पीएसएलवी-सी54 प्रक्षेपण यान की बात करें तो इसमें इस्तेमाल होने वाले टू-ऑर्बिट चेंज थ्रस्टर्स (ओसीटी) का उपयोग करके कक्षाओं को बदलने के लिए रॉकेट को शामिल करेगा। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को ऑर्बिट-1 में अलग किया जाएगा जबकि यात्री पेलोड को ऑर्बिट-2 में अलग किया जाएगा।

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