बता दें कि यह भारत से पीएसएलवी की 56वीं उड़ान होगी और 2022 में यान का पांचवां और अंतिम प्रक्षेपण होगा। 44.4 मीटर का रॉकेट 321 टन के उत्थापन द्रव्यमान के साथ लॉन्च होगा, जिसका प्राथमिक उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 होगा। ओशनसैट-3 को भी डब किया।
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मिशन का प्राथमिक पेलोड ओशनसैट सीरीज के थर्ड जेनरेशन सैटेलाइट ओशनसैट-3 है। ओशनसैट सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं, जो कि समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए समर्पित हैं। इसके अलावा यह सैटेलाइट समुद्री मौसम का पूर्वानुमान करने में सक्षम है, जिससे देश किसी भी चक्रवात के लिए पहले से तैयार रहे।
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इस मिशन को लेकर कहा जा रहा है कि यह इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सबसे लंबे मिशनों में से एक है। पीएसएलवी-सी54 प्रक्षेपण यान की बात करें तो इसमें इस्तेमाल होने वाले टू-ऑर्बिट चेंज थ्रस्टर्स (ओसीटी) का उपयोग करके कक्षाओं को बदलने के लिए रॉकेट को शामिल करेगा। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को ऑर्बिट-1 में अलग किया जाएगा जबकि यात्री पेलोड को ऑर्बिट-2 में अलग किया जाएगा।