सूत्रों ने बताया कि एक आतंकवादी कल मारा गया था जबकि मुठभेड़ में एक और आतंकवादी आज मारा गया। मुठभेड़ में एक जवान और एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। कश्मीर घाटी को देश के शेष हिस्सों से जोडऩे वाले इस राजमार्ग पर पंथा चौक से पम्पोर की ओर यातयात को सुरक्षा कारणों से निलंबित कर दिया गया है और वाहनों को सोमरबग और अन्य मार्गों से जाने की अनुमति दी गर्इ है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य पुलिसकर्मियों के अलावा सेना और अद्र्धसैनिक बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त रूप से अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं पता चला है कि इमारत में कितने आतंकवादी छिपे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा दर्जनों रॉकेट, मोर्टार के गोले दागे जाने और आईईडी विस्फोट किये जाने के बाद से इस इमारत को काफी क्षति पहुंची है। सुरक्षाबलों ने इमारत से आतंकवादियों को निकालने के लिए आंसू गैस और काली मिर्च के गोले भी दागे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बहुमंजिली इमारत में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सोमवार सुबह से ही अभियान चलाया गया। अतिरिक्त सुरक्षाबलों और सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। किसी भी प्रदर्शन को रोकने के लिए आसपास के इलाकों में अद्र्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आतंकवादी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को लेकर जा रही एक बस पर हमला करने के बाद इस इमारत में छिपे हुए है।
पिछले 48 घंटों के दौरान इस मुठभेड़ में जेकेईडीआई के कर्मचारी अब्दुल गनी मीर की मौत हो गई और 10 पैरा बटालियन के 22 वर्षीय कैप्टन पवन कुमार सहित सेना के तीन जवान और दो अद्र्धसैनिक बलों के जवान भी शहीद हो गए। अग्निशमन और आपातकालीन अधिकारी ने यूनीवार्ता को बताया कि आग लगने के बाद दो अग्निशमन दस्तों को सोमवार से ही इमारत के बाहर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि एक अग्निशमन दस्ते को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के आज सुबह पुन: भेजा गया।