बाल श्रवण योजना के तहत खंडवा की कातिशा गुप्ता को सहायता नहीं देना स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक (जेडी हेल्थ) डॉ. शरद पंडित को महंगा पड़ गया। बुधवार को मुख्यमंत्री ने ‘सीएम ऑनलाइन’ में उन्हें निलंबित करने के निर्देश दे दिए।
कातिशा की मां स्वाति ने मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के तहत सहायता राशि के लिए आवेदन किया था, लेकिन लाभ नहीं मिल सका है। बालिका के उपचार पर 15 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। अपने खर्च से कातिशा का ऑपरेशन मुंबई के कंबालाहिल अस्पताल में कराया, क्योंकि डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी थी। सीएम ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को कातिशा के इलाज की राशि देने का आदेश दिया।
मां ने लिखा था पत्र, इलाज के पैसे नहीं तो बंद कर दो योजना
कातिशा की मां स्वाति गुप्ता ने बताया कि 14 दिसंबर 2015 में अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए अनुश्रवण योजना के तहत आवदेन किया। इस पर जेडी इंदौर ने यह कहते हुए फाइल को वापस कर दिया कि सारी जांच अरबिंदो अस्पताल में होती है और उस अस्पताल का पहले से ही 1.30 करोड़ रुपए बकाया है, इसलिए बजट न होने के चलते सहायता राशि नहीं दी जा सकती है।
इस पर स्वाति ने 24 दिसंबर को सीएम और सीएस को पत्र लिखा और कहा कि अगर विभाग के पास इलाज के लिए बजट नहीं है, तो आपको यह योजना बंद कर देनी चाहिए। इसके बाद स्वाति ने बेटी का इलाज 13 जनवरी 2016 को मुंबई के कंबालाहिल अस्पताल में 15 लाभ खर्च कर कराया था। उन्होंने बताया कि अगर योजना से लाभ मिलता तो हमें केवल 6.50 लाभ रुपए मिलते लेकिन बुधवार को सीएम ने अब तक इलाज में किए कुल खर्च 15 लाभ रुपए देने का आदेश दे दिया है।
नहीं दी थी ऑपरेशन की अनुमति
डॉ. पंडित ने कहा, खंडवा के बाल श्रवण योजना के एक केस में ऑपरेशन की अनुमति नहीं दी थी। फाइल वापस कर दी थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने सस्पेंड करने की घोषणा की है, मगर मेरे पास लिखित में कोई आदेश नहीं आया है। प्रकरण की फाइल मैंने खंडवा सीएमएचओ से मंगवाई है। इस बारे में फाइल देखकर ही कुछ कह पाऊंगा।
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