कूनो नेशनल पार्क में बीते दो माह में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, साथ ही 3 शावक ने भी दम तोड़ दिया है। अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल पर उठ रहे हैं। चीतों की मौत से अधिकारी भी चिंतित हैं। शावक से पहले चीता साशा, दक्षा और नर चीते उदय की मौत हो चुकी है। तीन चीतों और 3 शावक की मौत के बाद अब कूनो में 17 चीते और 1 शावक शेष बचे हैं।
बाकी एक शावक की हालात गंभीर, अस्पताल में इलाज जारी
एक तरफ जहां चीतों की वंश वृद्धि की उम्मीद जागी थी वहीं दूसरी ओर मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी में बताया गया है कि 23 मई की सुबह ज्वाला के शावक की मौत हुई थी, उसके बाद जीवित बचे तीन शावक और ज्वाला की पालपुर में चिकित्सकों और निगरानी टीम द्वारा लगातार नजर रखी जा रही थी। तापमान 46 से 40 डिग्री के आसपास था ऐसे में तीनों शावकों की असामान्य स्थिति और गर्मी को देखते हुए टीम ने तत्काल उन्हें रेस्क्यू कर इलाज देने का निर्णय लिया था। इनमें से दो शावकों की गुरुवार के मौत हो गई, एक शावक गंभीर हालत में है जिसका पालपुर कुनो अस्पताल में इलाज चल रहा है।
नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए 20 चीते
देश में चीतों को एक बार फिर से बसाने की कवायद के साथ ही नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को बाड़े में आजाद कर देश को चीतों की सौगात दी थी।
कूनो में चीते के साथ देख सकेंगे घड़ियाल
कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान 748.7618 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। कुनो नदी, जो पार्क के केंद्र से होकर गुजरती है, घड़ियालों के लिए संरक्षित है। कूनो नदी में दिसंबर 2020 में घड़ियाल के 50 बच्चों को छोड़ा गया था जो अब धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं। कुनो आने वाले पर्यटक अब चीतों के साथ-साथ घड़ियाल भी देख सकेंगे।
कुनो में प्रवेश शुल्क क्या है?
कुनो में प्रवेश शुल्क 250 रुपए प्रति व्यक्ति है। जबकि मिनी बस (अधिकतम 15 लोग) 1500 रुपए, चार पहिया वाहन (अधिकतम 6 लोग) की प्रवेश 750 रुपए या बस में प्रति सवारी 250 रुपए का टिकट की दर तय की गई है। 1 अक्टूबर 2021 से ये दरें लागू हैं। यह भी पढ़ें – Video : कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते, भारत में अंतिम चीते की मृत्यु कब हुई जानें