इस मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील एन के कौल ने कहा कि इस मामले के बारे में पूरा देश जानना चाहता है, इसलिए इस मामले की सुनवाई की भी लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए।
एक सकारात्मक फैसले की उम्मीद: वकील
न्यूज एजेंसी से इस मामले में बात करते हुए वकील निहारिका करंजवाला ने कहा कि “इस मामले को लेकर हम एक सकारात्मक फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। मामले को संविधान पीठ के आगे रखने का निर्देश दिया गया है जिससे हम खुश हैं।
सहमति से समलैंगिक यौन संबंध अपराध नहीं
सुप्रीम कोर्ट की पांच-सदस्यीय बेंच ने 6 सितंबर 2018 को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा था कि देश में वयस्कों के बीच आपसी सहमति से निजी स्थान पर बनने वाले समलैंगिक या विपरीत जेंडर के लोगों के बीच यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं आएंगे।