इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि एक पडिंत जी ने कहा कि “भगवान राम तपस्वी थे, उन्होंने पूरा जीवन तपस्या को दिया। वह एक व्यक्ति नहीं थे बल्कि जीवन जीने का एक तरीका थे। उन्होंने पूरी दुनिया को प्यार, भाईचारा, इज्जत, तपस्या दिखाई।” इसके बाद उन्होंने कहा कि “जब गांधी जी ‘हे राम’ कहते थे तब उससे उनका मतलब भगवान राम की भावनाओं को अपने अंदर लाने से था, और हमें उसी भावनाओं को लेकर हमें जिंदगी जीनी है।”
भगवान राम ने समाज के साथ नहीं किया अन्याय
राहुल गांधी ने कहा कि भगवान राम के लिए दूसरा नारा जय सिया-राम है, जिसके बारे में पडिंत जी ने बताया कि जय सीता और जय राम। इसका मतलब यह है कि सीता और राम एक ही हैं, इसीलिए नारा जय सिया-राम या जय सीता-राम। उन्होंने कहा कि जब हम जय सिया-राम या जय सीता-राम कहते हैं तो समाज में जो सीता की जगह होनी चाहिए उसका आदर करते हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि तीसरा नारा जय श्री राम है, जिसको लेकर पंडित जी ने कहा कि आप अपने भाषण में पूछिए कि BJP के लोग जय श्री राम कहते हैं। मगर कभी जय सिया-राम और हे राम क्यों नहीं कहते हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि राम ने समाज के साथ अन्याय नहीं किया, राम ने समाज को जोड़ने के काम किया।
राहुल गांधी ने कहा कि भगवान राम के लिए दूसरा नारा जय सिया-राम है, जिसके बारे में पडिंत जी ने बताया कि जय सीता और जय राम। इसका मतलब यह है कि सीता और राम एक ही हैं, इसीलिए नारा जय सिया-राम या जय सीता-राम। उन्होंने कहा कि जब हम जय सिया-राम या जय सीता-राम कहते हैं तो समाज में जो सीता की जगह होनी चाहिए उसका आदर करते हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि तीसरा नारा जय श्री राम है, जिसको लेकर पंडित जी ने कहा कि आप अपने भाषण में पूछिए कि BJP के लोग जय श्री राम कहते हैं। मगर कभी जय सिया-राम और हे राम क्यों नहीं कहते हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि राम ने समाज के साथ अन्याय नहीं किया, राम ने समाज को जोड़ने के काम किया।
राहुल गांधी ने कहा कि BJP और RSS के लोग भगवान राम के जीवन जीने के तरीके को नहीं अपनाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो सिया-राम या जय सीता-राम कर ही नहीं सकते क्योंकि उनके संगठन में एक भी महिला ही नहीं है। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमारे जो RSS के मित्र हैं उनके कहना चाहता हूं कि जय श्री राम जरूर, लेकिन जय सिया-राम, जय सीता-राम और हे राम का प्रयोग कीजिए और सीता जी का अपमान मत कीजिए।
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