मुस्कुरा कर आगे बढ़ गए राहुल यहां अपने दौरे के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी मंगलवार सुबह मुंशीगंज गेस्ट हाउस में पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और लोकल लोगों की फरियाद सुनते रहे। फिर उनका काफिला गेस्ट हाउस से निकला और गौरीगंज के लिये रवाना हुआ। इस बीच गौरीगंज के पनियार में राहुल का वेट कर रहे कांग्रेसियों ने जैसे ही दूर से राहुल के काफिले की गाड़ियों को आते देखा तो उन्होंंने ‘राहुल गांधी ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने शुरु कर दिये। काफिला करीब आया तो अधिक संख्या में जमा लोगों को देखकर राहुल ने गाड़ी रुकवाई और उनसे मिलने पहुंच गये। जमा लोगों में अमेठी और इलाहाबाद के कांग्रेसी शामिल थे। जिन्होंने राहुल से दो टूक कहा ‘आप कांग्रेस अध्यक्ष हो गये, अब प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाएं’। इलाहाबाद से आये कांग्रेस वर्कर्स ने प्रियंका को जिले की फूलपुर सीट से चुनाव लड़ाने की भी मांग की। कार्यकर्ता बोले अगर प्रियंका को चुनाव नहीं लड़ाते तो चुनाव संचालन समिति की बागडोर उनको दीजिए। इस पर ‘राहुल मुस्कुरा कर आगे बढ़ गये’।
प्रियंका ने नये सिरे से रखी कांग्रेस की आधार शिला आपको बता दें कि नेहरु-गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी में
राजीव गांधी के बाद राजनीति की जो शुरुआत हुई उसकी आधार शिला 1999 में कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने रखी थी। पहले मां और फिर 2004 में यहां से भाई के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत उन्होंंने ही की। जानकारों की मानें तो जब 1999 में अमेठी से
सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था तो कमान प्रियंका गांधी ने ही थामी थी और उन्हें 67.12% वोट मिले थे। इसके बाद 2004 में सोनिया ने बेटे राहुल के लिये अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ा। दोनों ही सीटों की चुनावी कमान प्रियंका के हाथों में रही, अमेठी में राहुल को 66.18% तो रायबरेली में सोनिया को 58.75% वोट मिले। 2009 में तो प्रियंका की कमान ने अमेठी से राहुल की जीत में चार चांद लगा दिया था, उन्हें 71.78% वोट मिले थे, जबकि रायबरेली से सोनिया को 72.23% वोट।
प्रियंका का जलवा कायम जानकार बताते हैं के 2014 की मोदी लहर में भी प्रियंका का दादी की पारम्परिक सीट पर जलवा कायम रहा। रायबरेली में उनकी मां ने एक दिन भी कैम्पेन में नहीं की, फिर भी 63.80% वोट उन्हें मिले। जबकि अमेठी में बीजेपी ने सारा
तंत्र लगा रखा था, राजनीतिक परम्परा को तोड़ खुद पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तक कैम्पेन को पहुंचे थे। बावजूद इसके ये प्रियंका की ही देन थी कि कड़े मुकाबले के बाद भाई राहुल को उन्होंने 46.71% वोट दिलाए।