मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अब तक डेढ लाख करोड रूपए की लागत से 81 रक्षा खरीद सौदों को पूरी तरह मंजूरी देते हुए उत्पादों की आपूर्ति के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन 314 सौदे अभी भी विभिन्न स्तरों पर मंजूरी की इंतजार में हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी)की बैठक में पिछले दो वर्षों में किए गए सभी रक्षा खरीद सौदों की समीक्षा की गयी। पर्रिकर ने तीनों सेनाओं से अभी भी प्रासंगिक रक्षा सौदों की खरीद से जुडे प्रस्तावों की प्रक्रिया को तेज करके इन्हें 4-5 महीनों में पूरा करने का निर्देश दिया।
डीएसी ने सेना के लिए 457 करोड रूपए की लागत से 619 भारी वाहन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। यह खरीद पहले से तय शर्तों के आधार पर की जाएगी। परिषद की बैठक में अगले दस वर्षों में प्रस्तावित रक्षा खरीद की भी समीक्षा की गई।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार ने जून 2014 के बाद से डेढ लाख करोड की लागत वाले 81 खरीद सौदों को मंजूरी देते हुए इनसे जुडे उत्पादों की आपूर्ति के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा 2 लाख करोड रूपए की लागत से 66 रक्षा सौदों को जरूरत के आधार पर मंजूरी प्रदान की गई। इसी दौरान बारूदी सुरंग रोधी प्रणाली के लिए गोआ शिपयार्ड के साथ लेटर आफ इंटेट का करार हुआ।
रक्षा मंत्री ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि रक्षा सौदों को तेजी से निपटाने की प्रक्रिया और प्रयासों के बावजूद अभी भी 314 सौदे विभिन्न स्तरों पर लटके पडे हैं। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से इन्हें तेजी से निपटाने के प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिन सौदों की प्रासंगिकता बनी हुई है उन्हें तेजी से आगे बढाएं।
Home / 71 Years 71 Stories / मोदी सरकार का रक्षा सौदों पर ध्यान, देश को मिलेगी नई ताकत