40 युवाओं ने क्राउड फंडिंग कर जुटाया पैसा
आफताब ने बताया कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लगभग 30 लाख रुपए की जरुरत थी। इतनी बड़ी राशि को केवल क्राउड फंडिंग से जुटा पाना बहुत ही मुश्किल था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में इलाके के लगभग 40 युवाओं ने इसे आजमाने का फैसला किया। इसके बाद हमने घर-घर संपर्क किया। सभी ने जितना हो सकता उतना दान दिया। इसके साथ ही मेरे साथ ही कई युवाओं ने अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा मंदिर कोष में दान किया।
मध्यप्रदेश से लाए शिवलिंग
आफताब ने बताया कि हम मॉनसून से पहले काम खत्म करना चाहते थे, क्योंकि यहां सावन में सैकड़ो श्रद्धालु आते हैं। हमारे पास पैसों की कमी थी, जिसके कारण हमने मंदिर को खरोंच से बनाया। इसके साथ ही संरचना के आधार पर मंदिर में पानी जमा होने से बचाने के लिए ऊंचा किया। वहीं हमारा एक ग्रुप मध्यप्रदेश गया और वहां से शिवलिंग लाई।
दशकों से मंदिर में कर रहे हैं पूजा-अर्चना
मीडिया से बात करते हुए स्थानीय देबासिस चटर्जी ने कहा कि हम दशकों से मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। जब युवाओं ने मुझसे मंदिर के लिए दान के लिए संपर्क किया, तो मुझे दान करके खुशी हुई।