नवजोत कौर सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा, “मेरे पति नवरात्रि के दौरान मौन रखेंगे और 5 अक्टूबर के बाद आगंतुकों से मिलेंगे।” बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू ने 1988 में कार में जाते समय बुजुर्ग गुरनाम सिंह से भिड़ गए थे। गुस्से में सिद्धू ने उन्हें मुक्का मारा जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी IPC की धारा से बरी कर दिया। मगर उनपर IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपए जुर्माना लगा। इसके खिलाफ पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को अपना फैसला बदलते हुए सिद्धू पर चोट पहुंचाने के आरोप में एक साल कैद की सजा सुना दी। इस फैसले के बाद से सिद्धू जेल में बंद हैं।