राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता श्रीनिवासन की 16 अप्रैल 2022 में चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रतिबंधित पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया का एक सदस्य शफ़ीक़ शामिल था। PFI का हत्या में वांछित सदस्य शफ़ीक़ घटना को अंजाम देने के बाद फ़रार हो गया था। जिसके बाद एनआइए की भगोड़ों को ट्रैक करने वाली टीम इसके छिपने के ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी। केरल के पलक्कड़ के बाद ये दक्षिण भारत के कई जगहों पर जाकर छिपा। कुछ दिन पहले ही एनआइए की ट्रैकिंग टीम को शफ़ीक़ के कोल्लम ज़िले में होने की जानकारी मिली जहाँ से उसे दबोच लिया गया।
संघ के नेता श्रीनिवासन की हत्या कि ख़तरनाक साज़िश में शामिल होने वाले सभी 71 लोगों की पहचान कर ली गई है। एनआइए ने संघ नेता की हत्या से जुड़े मामले में अब तक दो चार्जशीट दाख़िल कर दी है। पहली चार्जशीट 17 मार्च 223 को दाख़िल की गई, जबकि दूसरी चार्जशीट 6 नवंबर 2023 को कोर्ट के सामने पेश कर दी गई है। इस मामले में जुड़े एक अभियुक्त अब्दुल नसीर की पिछले साल मौत हो चुकी है जबकि दो अन्य भगोड़े साहिर के वी और और ज़फ़र भीमंतविदा पिछले साल गिरफ़्तार किए जा चुके हैं।
NIA के सूत्रों के मुताबिक़ संघ के नेता की हत्या के सिलसिले में गिरफ़्तार शफ़ीक़ प्रतिबंधित PFI संगठन के हिट स्क्वाड का सक्रिय सदस्य था। वह कई हिंदू नेताओं हत्याओं को अंजाम देने की साज़िश में शामिल था। NIA के सूत्रों ने यह भी बताया कि शफ़ीक़ ने श्रीनिवासन की हत्या को अंजाम देने के लिए अशरफ़ KP को अपनी टीम में शामिल किया था, और उन जगहों की रेकी की थी जहाँ श्रीनिवासन का आना जाना था।