फिलहाल भारत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में अपने चार फ्लाइट इन्फारमेशन रीजन्स के जरिए संबंधित इलाकों की फ्लाइट सूचनाएं एकत्र करता है। लेकिन अब भारत की योजना नागपुर के जरिए ऑपरेट होने वाले एक सतत हवाई क्षेत्र के गठन की है, जिसका देश में एक अनोखा केंद्रीय स्थान है।
इस कदम के जरिए उड़ानों की बेहतर सुरक्षा, कॉर्बन फुट प्रिंट में कमी, अलग- अलग उड़ानों में बेहतर समन्वय और हवाई जहाजों के लिए ऐसे उड़ान मार्ग को खोजने में मदद मिलेगी जिससे ईंधन की कम खपत हो। इससे विमानन कंपनियों को भी काफी फायदा होगा।
एशिया प्रशांत क्षेत्र का अहम सूचना प्रदाता देश भारत
गौरतलब है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत प्रमुख हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाता देश है और यह 28 लाख वर्ग नॉटिकल मील का एरिया कंट्रोल करता है। इस एरिया को भारत फिलहाल चार उड़ान सूचना क्षेत्रों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के जरिए नियंत्रित करता है। इनके अलावा एक उप-सूचना क्षेत्र गुवाहाटी में भी बनाया गया है। भारत इन उड़ान सूचनाओं को 12 पड़ोसी देशों के साथ साझा करता है।