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कोरोना गाइडलाइन को लेकर आमने-सामने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार, जानिए क्या है पूरा मामला

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद ना सिर्फ दुनिया बल्कि भारत में हलचल तेज हो गई है। लेकिन इस हलचल के बीच केंद्र और महाराष्ट्र सरकार कोरोना की गाइडलाइन को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। केंद्र सरकार की ओऱ से जारी दिशा निर्देशों से अलग महाराष्ट्र सरकार अपने कोरोना नियमों में फिलहाल बदलाव नहीं करना चाहती है।

Dec 02, 2021 / 10:36 am

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का खतरा अभी टला नहीं है। इस बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट ( Omicron Variant ) ने देशभर में हलचल बढ़ा दी है। यही वजह है कि लगातार केंद्र ( Central Government ) से लेकर राज्य सरकारें इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं। लेकिन इस खतरे के बीच कोरोना गाइडलाइन ( Corona Guidelines ) को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार आमने सामने आ गई हैं। दरअसल महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ( Uddhav Government ) केंद्र के कोरोना नियमों को मानने को तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा है कि राज्य अपने गाइडलाइंस में बदलाव नहीं करेगा। राज्य के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा, आने वाले समय में इसकी जरूरत लगी विचार किया जा सकता है।
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केंद्र और महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। इस बार वजह है कोरोना गाइडलाइन। दरअसल, जहां केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ गाइडलाइंस जारी कर राज्यों को कोरोना को रोकने के तरीके बताए थे, वहीं महाराष्ट्र सरकार ने इन गाइडलाइंस से आगे जाते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कुछ और नियम लागू कर दिए। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
महाराष्ट्र सरकार फिलहाल अपने कोरोना नियमों में बदलाव नहीं करना चाहती, जबकि केंद्र सरकार ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते नए नियम जारी किए हैं।

ये है महाराष्ट्र सरकार का तर्क
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती के मुताबिक आपदा प्रबंधन और महामारी एक्ट के तहत राज्य सरकार को यह ताकत हासिल है कि वो वायरस को फैलने से रोकने के लिए अतिरिक्त नियम लागू कर सके। इसीलिए राज्य सरकार ने फिलहाल अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर्स को लेकर अपनी गाइडलाइंस में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया है।
यही नहीं चक्रवर्ती का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसको लेकर कोई बाध्यता नहीं है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अपने नियम लागू रख सकती है।
ये है केंद्र का कदम
ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकार से कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक अपने आदेश जारी करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 28 नवंबर को दिशानिर्देश जारी किए। इसके तहत खतरे वाले देशों से गुजरने या आने वाले यात्रियों को पहुंचने के बाद RTPCR जांच करानी होगी। हवाई अड्डे पर परिणाम के लिए इंतजार करना होगा और उसके बाद ही बाहर जा सकेंगे या दूसरे विमान से यात्रा कर सकेंगे।
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महाराष्ट्र सरकार का नियम
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पहुंचने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर RTPCR टेस्ट अनिवार्य किया है। जबकि केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक सिर्फ खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों को ही टेस्ट कराना है। इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है उनका टेस्ट होना है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले यात्रियों के लिए 14 दिन का क्वारंटीन भी अनिवार्य कर दिया है। भले इन लोगों के टेस्ट नेगेटिव हो।

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