राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के अनुसार, वर्तमान में 100 से अधिक पूर्व विधायकों को मल्टीपल पेंशन मिलती है। चीमा के मुताबिक, सरकार उन लागतों में कटौती करने की कोशिश कर रही है जो अनावश्यक रूप से कमाई को कम कर रही हैं। पंजाब सरकार राज्य के हित में इस तरह के जनहितैषी फैसले लेती रहेगी।
गौर करें तो इस फैसले से सबसे बड़ा आर्थिक झटका जिन नेताओं को लगेगा उनमें प्रकाश सिंह बदल, कैप्टन अमरिंदर सिंह,सरवन सिंह फिल्लौर, जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, बीबी राजिंदर कौर भट्ठल, बलविंदर सिंह भुंदर, सुखदेव सिंह ढींडसा, जत्थेदार तोता और लाल सिंह जैसे नाम शामिल हैं। इनमें भी पंजाब के पाँच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को सबसे अधिक पेंशन मिलती। 10 बार विधायक रहने के कारण वो करीब 6 लाख रुपये के हकदार थे, लेकिन इस कानून के लागू होने से कुछ दिनों पहले ही उन्होंने पेंशन लेने से इनकार कर दिया था।
पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक से ज्यादा पेंशन पाने वाले पूर्व विधायकों की संख्या 241 है. अब एक विधायक एक पेंशन के लागू होने से राज्य के कोष को 19.53 करोड़ का लाभ होगा।
विधायक ने दिया पुलिस को अल्टीमेटम
फिलहाल एक कार्यकाल के लिए पंजाब में नेताओं को 75 हजार मिलते हैं। इसके बाद यदि वो फिर से विधायक बनता है तो प्रत्येक टर्म के लिए 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी की जाती है जोकि लगभग 66 फीसदी है। अब नए नियम के तहत प्रत्येक विधायक को 60 हजार रुपये तक की पेंशन मिलेगी और साथ में महंगाई भत्ते का भुगतान भी किया जाएगा।