इस्लामाबाद. अग्नि 4 और 5 के सफल परीक्षण के एक हफ्ते बाद पाकिस्तान ने भारत के मिसाइल प्रोग्राम की आलोचना की है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून रिपोर्ट के मुताबिक़ टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) के डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी चिंता जाहिर की। पाकिस्तान ने कहा, भारतीय मिसाइल प्रोग्राम क्षेत्र में ( दक्षिण एशिया) में शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। पाकिस्तान ने खासतौर से भारत की एंटी बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि 4 और 5 को लेकर ये बातें कहीं।
क्या है एमटीसीआर ?
ट्रिब्यून के मुताबिक़ पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक अफसर ने भारतीय संदर्भ का हवाला देते हुए कहा, “ऐसी पॉलिसीज से क्षेत्र में शांति को खतरा बढ़ा है। पाकिस्तान मानता है कि आपसी बातचीत से दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सकता है।” बता दें कि एमटीसीआर भारत समेत 35 देशों का एक समूह है। यह एनएसजी जैसा ही एक समूह है। जिसके तहत सदस्य देश मिलकर हथियारों, परमाणु हथियारों, जैविक और रासायनिक हथियारों और तकनीक पर नियंत्रण करते हैं। इसका मकसद मिसाइलों, संपूर्ण रॉकेट प्रणालियों, मानवरहित विमानों और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के प्रसार को रोकना है।
20 मिनट के अंदर आधी दुनिया पर परमाणु हमला कर सकती है अग्नि 5
अग्नि-5 एक इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे हाल ही में ओडिशा के व्हीलर द्वीप तट से टेस्ट किया गया था। यह भारत में विकसित मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर तक है। इस तरह की मिसाइल बनाने वाला भारत दुनिया का पांचवा देश है। रूस, अमेरिका, चीन और फ्रांस पहले ही ऐसी मिसाइल बना चुके हैं। सतह से सतह पर मार करने वाली ये मिसाइल बीस मिनट के अंदर आधी दुनिया पर परमाणु हमला कर सकती है।
अग्नि-5 की अहम बातें इसलिए दारा हुआ है पाकिस्तान –
1) यह मिसाइल 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी है। इसका प्रक्षेपण भार करीब 50 टन है।
2) अग्नि-5 एक टन से ज्यादा वजन के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
3) यह अग्नि सीरीज की सबसे आधुनिक मिसाइल है। जिसे डीआरडीओ ने बनाया है।
4) अग्नि-5 का नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम खास है।
5) इसमें रिंग लेजर गायरोस्पेस तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। इससे कहीं भी सटीक निशाना लगाया जा सकता है।
6) इसकी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल टेक्नीक के इस्तेमाल से एकसाथ कई निशानों पर हमला किया जा सकता है।
अत्याधुनिक है अग्नि-5, चीन को ध्यान में रखकर की गई है तैयार
डीआरडीओ ने इस मिसाइल की सही मारक क्षमता पर अभी तक स्प्ष्ट बयान नहीं दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी मारक क्षमता 5500 से 5800 किलोमीटर बताई जा रही है। अग्नि-5 का पहली परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 और चौथा परीक्षण आज पिछले दिनों हुआ था। अग्नि-5 के अलावा अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें भी भारत के पास हैं। लेकिन अग्नि-5 को इनमें से सबसे ज्यादा अत्याधुनिक बताया जा रहा है। इस सरीज की दो मिसाइलें अग्नि-4 और अग्नि-5 को खासतौर से चीन को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। अग्नि-5 की स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है।